पश्चिम बंगाल की रहने वाली टुकटुकी दास लगातार अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही थी। आज 26 साल की उम्र में वह जो चाहती है वो कर रही है। टुकटुकी ने 2020 में अंग्रेजी में ग्रेजुएशन पूरा किया और अपने माता-पिता की इच्छा का पालन करते हुए सरकारी नौकरी का लक्ष्य रखा। लाख कोशिशों के बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली।

लेकिन हार मान लेना उसके लिए कभी कोई विकल्प नहीं था। इसलिए उसने बिज़नेस वीमेन बनने का सोचा और हाबरा रेलवे स्टेशन में चाय की दुकान खोलकर इस सपने को साकार करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया। पहले तो टुकटुकी के माता-पिता इस विचार के समर्थक नहीं थे। लेकिन उनका आत्मविश्वास बढ़ता देख उन्होंने दिल से हामी भर दी।

टुकटुकी दास के पिता प्रशांतो दास ने कहा कि "शुरू में, मैं उसके फैसले से खुश नहीं था, क्योंकि हमने उसे इस उम्मीद के साथ शिक्षित किया कि वह एक शिक्षिका बनेगी, लेकिन वह चाय बेचना चाहती थी। मैंने पुनर्विचार किया और सोचा कि अगर यह आत्मनिर्भर बनने का उनका निर्णय है, तो यह अच्छा है।"

वह स्टार्टअप एमबीए चायवाली के संस्थापक अरबपति प्रफुल्ल बिलोर से काफी प्रेरित हैं। टुकटुकी प्रफुल्ल की तरह अपने विचार को कई जगहों तक विस्तारित करने और एक सफल इंडस्ट्रीअलिस्ट बनने की उम्मीद करती है।