इस अक्षय तृतीया (akshay tritiya)पर ग्रहों का बहुत ही अच्छा योग बन रहा है | ज्योतिष के अनुसार ऐसा योग 50 वर्ष पहले बना था |सनातन धर्म में अक्षय तृतीया के दिन का विशेष महत्व होता है |ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया का पर्व जीवन में सौभाग्य लाता है | आज 3 मई को पूरे देश में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है | ये पर्व हिन्दू धर्म में बहुत ही ख़ास है, क्योंकि इस पर्व पर आप बिना किसी मुहूर्त के कोई भी नया या शुभ कार्य कर सकते है | इस पर्व को आखा तीज या अक्षय तीज के नाम से भी जाना जाता है | इस पर्व को वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है | सौभाग्य और सुख-समृद्धि पाने के लिए अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करनी चहिये, पूजा करने से आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी। इस दिन की पूजा में हल्दी, कुमकुम अक्षत, सफ़ेद कमल का फूल भोग प्रसाद भगवान को अर्पित करना चाहिए |

शुभ मुहूर्त - अक्षय तृतीया तिथि की शुरुआत - 3 मई सुबह 5.बजकर 18 मिनट से शुरू होकर, 4 मई सुबह 7 बजकर 32 मिनट तक है |

कैसे हुई शुरुआत – प्राचीन काल से ही अक्षय तृतीया (akshay tritiya)का पर्व मनाया जा रहा है| ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु के नर नारायण का अवतार, इसी तिथि को हुआ था | महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास ने अक्षय तृतीया के दिन से ही महाभारत लिखना शुरू किया था | इसी तिथि को माँ गंगा अवतरित होकर स्वर्ग से आकर पृथ्वी पर बहना प्रारंभ किया था | अक्षय तृतीया के दिन ही माता अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है | ऐसा पूर्वजो ने माना है कि आज ही के दिन द्वापर युग का समापन और सतयुग, त्रेता युग का आरंभ हुआ|

अक्षय तृतीया का महत्व – हम आप अक्षय तृतीया (akshay tritiya) के दिन कोई भी नया काम बिना किसी विचार भाव के शुरू कर सकते है | नया बिजनेस स्टार्ट करना हो, नया घर खरीदना हो, गृह प्रवेश करना हो, शादी विवाह संस्कार करना हो, ये सभी काम तृतीया के दिन करने से हमेशा सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है |