हर शहर में रास्ते के हर मोड़ पर, चौराहे पर आपको जूता सीने वाला दिख जाता है हालांकि हम उसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं जब तक हमारे जूते सही सलामत रहते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे जो जूतों के डॉक्टर हैं और उनका फुटपाथ पर हॉस्पिटल है।

सूरत में एक रोड के किनारे रामदास नाम का मोची बैठता है लेकिन वो कोई आम मोची नहीं है। उनके पास मरम्मत के लिए आम जूतों से लेकर लाख रुपये तक के जूते आते हैं। उनके साथ उनके दो बेटे भी रोड के किनारे बैठकर अपने पिता के काम में हाथ बटाते हैं।

रामदास का कहना है कि "मुझे केवल एक ही काम आता है और वो है जूते सीना। इसके अलावा मैं कुछ नहीं जानता हूँ। इसलिए मैं अपने इसी काम को और बेहतर बनाने की कोशिश करता हूँ। दूर-दूर से जब लोग मेरे पास जूता सिलाने आते हैं तो मैं इसे ही अपनी सफलता मानता हूँ।"

रामदास साल 2005 से सूरत में जूते सिलने का काम कर रहे हैं। मूल रूप से वो महाराष्ट्र के नासिक से हैं। उन्होंने बताया कि "मेरा दोस्त यहां कपड़ों का काम करता था। उसने मुझे बताया कि गुजरात में लोग महंगे जूते पहनते हैं। यहां काम करने में ज्यादा फायदा हैं। तभी मैंने सूरत आकर काम करना शुरू किया।"

रामदास ने अपने इस काम से बहुत सफलता हासिल की है। उन्होंने सूरत में अपना एक घर भी ले लिया है। आज भी वो बहुत लगन से अपना ये काम करते हैं।