अपनी इच्छा अनुसार कुछ भी पाना बहुत मुश्किल होता हैं, ऐसे कुछ बिरले ही लोग होतें है, जो अपनी इच्छानुसार जीते हैं, और अपने मन का काम करतें हैं| यह कहावत हैं, कि नियति ने पहले से ही, सब कुछ तय करके इंसान को पृथ्वीलोक भेजा हैं| लेकिन कहा यह भी जाता हैं, कि कुछ लोग अपनी मेहनत से, अपने हाथ की लकीर बदलने में सफल हुए हैं| इस दुनिया में जो भी आया हैं, उनमे कुछ ना कुछ औरों से अलग हुनर होता हैं, और अपने उसी हुनर के दम पर देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाते हैं| आज ऐसी ही ग़जब की हुनरमंद महिला की कहानी हम आपको बताने जा रहें हैं| जिसने देश की पहली महिला जासूस बन अपने अनुभव और हुनर से 80 हजार से ज्यादा केस हल किए| जिनका नाम हैं रजनी पंडित हालांकि उन्हें लोग लेडी जैम्स बॉन्ड भी कहतें हैं|


कौन है? रजनी पंडित, और क्या था उनका पहला केस- रजनी पंडित का जन्म एक साधारण और शिक्षित परिवार में हुआ था|उनके पिता CID में नौकरी करते थे| रजनी हमेशा यही सोचतीं थीं कि उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना हैं, और कुछ करके दिखाना है, इसी वजह से ग्रेजुएशन के साथ ही एक ऑफिस में क्लर्क की नौकरी करने लगीं| नौकरी करने के दौरान उनके ही ऑफिस की एक महिला के घर चोरी हो गई| उस महिला ने चोरी की बात अपने सभी स्टाफ को बताई, उनमे रजनी भी थी, तब उन्होंने उस महिला से चोरी के बारें में जानकारी ली| और उस महिला ने बताया कि मेरा शक मेरी बहु पर हैं| फिर रजनी ने उस चोरी की छानबीन शुरू कि तो पता चला की चोरी उसकी बहु ने नहीं बल्कि बेटे ने की है| रजनी ने जब उस महिला के बेटे से पूछताछ की तब उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया| इस तरह से रजनी का पहला केस सॉल्व हो गया, उस समय रजनी की उम्र सिर्फ 22 साल ही थी|

जासूसी को चुना करियर- रजनी ने जब अपना पहला केस सॉल्व कर लिया,तब उन्हें लगा कि जासूसी में मेरा अच्छा करियर बन सकता है| दरअसल रजनी जासूसी जैसे शब्द से अनजान नहीं थी| उनके पिता सीआईडी में थे, तो उनकी अक्सर अपने पिता से किसी न किसी केस के बारें में बात होती रहती थी, और ऐसे ही धीरे-धीरे रजनी को जासूसी करने का अच्छा ज्ञान हो गया था| जब उनके पहले केस के सॉल्व होने के बारें में लोगों को पता चला, तो लोग अपनी-अपनी समस्या ले कर उनके पास आने लगे, और धीरे-धीरे ये बात आस-पास के गली मोहल्लों में फ़ैल गई, और एक दिन उनके पिता के पास भी ये बात पहुँच गई, कि रजनी जासूस बन गई है उनके पिता को रजनी के जासूसी वाले काम के बारें में नहीं पता था| इस बात से उनके पिता थोड़े नाराज हुए, और समझाते हुए कहा, कि बेटी तुमको पता है, यह कितना खतरनाक काम है| अगर यह बात जानते हुए भी, तुम यह काम करना चाहती हो, तो मै तुम्हे रोकूंगा नहीं, लेकिन संभल कर और अपने आप को बचा कर करना| पिता की सहमती मिलने के बाद तो रजनी को किसी की परवाह नहीं रही| अब रजनी पिता के डर से आजाद थीं और अब वह किसी भी केस को लेने के लिए तैयार रहती थीं| रजनी ने कई ऐसे केस सॉल्व कर दिए जिसे सॉल्व करने में पुलिस भी नाकाम रहीं| उसके बाद रजनी को कई न्यूज चैनल और अखबार वाले रजनी को कवर करने लगे और इसी तरह से रजनी भारत की पहली महिला जासूस बन गईं|


रजनी के जीवन का सबसे कठिन केस- रजनी ने मीडिया को बताया कि उनके जीवन का सबसे कठिन केस पिता पुत्र की हत्या का था| उनका कहना था कि, शहर में हुए एक पिता पुत्र की हत्या का केस मेरे पास आया, उस केस में पुलिस को कातिल का कोई सुराग नहीं मिल रहा था| इस केस को रजनी ने जब स्टडी किया, तब उनको लगा हो न हो इस हत्या का राज उनके घर में ही छुपा हैं| बड़ी समस्या यह थी, कि उनके घर में घुसा कैसे जाए, तब उनके दिमाग एक तरकीब सूझी| रजनी उस घर में घुसने के लिए नौकरानी बन गईं, और वह नौकरानी के तौर पर उसी घर में काम करने लगीं जिस घर में पति और बेटे की हत्या हुई| उस घर में सिर्फ एक महिला रहतीं थी, रजनी ने उसकी खूब सेवा की और उसका विश्वास जितने में कामयाब रहीं| कई महीने बीत जाने के बाद भी कोई ठोस सुबूत हाथ नहीं लग रहा था| एक दिन अचानक से ऐसा कुछ हुआ, जिससे रजनी शक के घेरे में आ गईं| रजनी ने एक शांत कमरे में टेप रिकार्डर की बटन को क्लिक किया और वहां मौजूद उस महिला ने उस आवाज को सुन लिया| उसके बाद रजनी का बाहर आना जाना बंद हो गया| फिर एक दिन उस महिला से एक आदमी मिलने आया, उन दोनों की बातचीत को रजनी ने सुना और पक्का यकीन हो गया, कि हत्या इसी सख्स ने की हैं| अब रजनी को पता तो हैं हत्यारा कौन हैं लेकिन वह बाहर नहीं जा सकती थीं,क्योंकि उनकी मालकिन ने बाहर जाने से मना कर रखा था | तब उनके दिमाग में एक आइडिया आया, और उन्होंने किचन से चाकू लेकर अपने पैर में कट लगा लिया| उसके बाद अपने मालकिन के पास गईं और अपने घाव को दिखाया, तब उनकी मालकिन ने उन्हें बाहर जाकर मरहम पट्टी की इजाज़त दी| फिर रजनी भागते हुए बाहर गईं और फ़ौरन उन्होंने एक फ़ोन बूथ से अपने क्लाइंट को फोन करके बताया कि जल्दी से पुलिस लेकर उस महिला के घर पहुंचो, कातिल मिल गया है| थोड़े ही समय में वहां पुलिस आ गई और उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया| पूछताछ में सच सामने आ गया, पकड़ा गया व्यक्ति उस महिला का प्रेमी था, उसी महिला के कहने पर उसने पिता और पुत्र को मारा था जिससे उनका रास्ता साफ़ हो जाए| भले ही रजनी को इस केस को सॉल्व करने के लिए 6 महीने तक नौकरानी बनना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः सफल हो ही गईं| रजनी ने बताया कि यह उस समय की मेरी सबसे बड़ी सफलता थी|


इस केस के बाद रजनी का हौसला बहुत बढ़ गया| उसके बाद उन्होंने दो और केश सॉल्व किए जिनमे वह एक बार प्रेग्नेंट लेडी बनी, और दूसरे केस में फेरी वाले का भेष बनाया और केस सॉल्व करने में सफल रहीं|

1991 में खोली अपनी एजेंसी- धीरे-धीरे करके जब रजनी का काम बढ़ गया, तब उन्होंने अपनी खुद की एजेंसी खोल ली| अब उसी एजेंसी के माध्यम से केस सॉल्व करतीं थीं| रजनी ने अपने आप को ही अपना सब कुछ समझ लिया था, या यूँ कहिये कि, उन्होंने इसी काम से शादी कर ली| वह बतातीं है कि उनके पास वक्त ही कहाँ रहता है जो और कुछ सोच सकें| इसी कारण मैंने अपना घर नहीं बसाया|

दो किताबे भी लिख चुंकि हैं- मीडिया रिपोर्ट्स और रजनी के द्वारा पता चला हैं कि अब तक उन्होंने छोटे बड़े सभी तरह के केस मिलाकर कुल 80 हजार से ज्यादा केस सॉल्व कर चुंकि है| साथ ही साथ उन्होंने दो किताबें भी लिखी हैं, जिनका नाम फेसेस बिहाइंड फेसेस और मायाजाल है| उन्हें दूरदर्शन द्वारा हिरकणी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका हैं|

पिछले साल एक केस के दौरान उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था| और उनके ऊपर यह आरोप लगे थे कि उन्होंने अपने क्लाइंट के लिए गलत तरीके से कॉल डिटेल्स निकलवाई थीं| वहीँ इस बात पर रजनी ने कहा कि यह मेरे काम का हिस्सा हैं|