सफल इंसान को पूरी दुनिया सलाम करतीं है, लेकिन उस सफलता के पीछे का संघर्ष कोई नहीं जानता | इंसान सफल होने के लिए किन हालातों से गुजरता है यह सिर्फ वही जनता है | संघर्ष के दिनों में उसकी कोई क़द्र नहीं करता, उसके अंदर छिपे टैलेंट को कई बार दरकिनार कर दिया जाता है, लेकिन संघर्ष सफलता का रास्ता खोज ही लेता है | ऐसी ही कुछ कहानी है प्रसिद्ध सिंगर उदित नारायण की | आज उदित नारायण भले ही किसी परिचय के मोहताज न हो, लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब उनके पास न रहने को घर था, न ही कोई आय का साधन था | तब वह अपना जीवन जीने के लिए होटलों में गाना गाया करते थे | उन्होंने ने अपने आप को साबित करने के लिए बहुत संघर्ष किया | साल 1970 में नेपाल के एक रेडियो में लोक गायक के तौर पर अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की | उदित ने एक नेपाली फिल्म 'सिंदूर' से सिंगिंग की दुनिया में कदम रखा | लेकिन उनको इससे कुछ ख़ास पहचान नहीं मिल पाई |

सफल होने के लिए बदला नाम – उदित नारायण का जन्म 1 दिसंबर 1955 को बिहार के एक मैथिलि ब्राह्मण परिवार में हुआ था | उनका पूरा नाम उदित नारायण झा है | एक समय था जब उदित नारायण के गानों ने हर दिल में अपनी जगह बना ली थी | उन्हें रोमांटिक गानों का बादशाह कहा जाता था| उन्होंने अपनी आवाज से सबको अपना दीवाना बना लिया था | वह बताते है कि जब उनको काम नहीं मिल रहा था, तब वह अपना नाम उदित नारायण झा से सिर्फ उदित नारायण कर लिया था | बाद में वह उदित नारायण के नाम से प्रसिद्द हो गए |


भोजपुरी गाने ने खोला भविष्य का द्वार – उदित नारायण के जब संघर्ष के दिन चल रहे थे, तब वह छोटे-मोटे संगीत समारोह, जागरण और होटलों में गाना गाया करते थे | उदित नारायण उस समय ऐसा हीरा थे जिसे लोग आम पत्थर समझते थे, लेकिन हीरे की पहचान सिर्फ जौहरी ही कर सकता है, उदित के वही जौहरी बने आनंद-मिलिंद | एक बार उनको एक भोजपुरी फिल्म गाना गाने का मौका मिला | उसी फिल्म में गाने के दौरान आनंद-मिलिंद ने उनकी आवाज को सुना और उस आवाज में आनंद को सिंगिंग का सितारा नजर आया | वहीँ से उदित की किस्मत ने करवट ले ली और वह सफलता के राह पर चल पड़े | उसके बाद उनके कदम फ़िल्मी दुनिया में पड़े और उन्होंने अपनी आवाज से सबका दिल जीत लिया | उनको साल 1988 में फिल्म 'क़यामत से क़यामत तक' में गाना गाने का मौका मिला |इसके उन्होंने 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा' गाना गाया जोकि सुपरहिट हो गया, यह गाना उस समय जिसने भी सुना, वह एक बार गुनगुनाये बिना नहीं रहता था | यह गाना इतना फेमस हुआ की उदित रातों-रात स्टार बन गए | उसके बाद उदित ने कभी पीछे नहीं मुड़ कर नहीं देखा, और एक के बाद एक, कई गाने हिट होते गए |उदित नारायण ने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान, स्वदेश, जैसी कई हिट फिल्मों के लिए गाने गाए हैं | उदित नारायण ने फेमस संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, जगजीत सिंह, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम कर चुके हैं |

उदित नारायण ने अमिताभ बच्चन, आमिर खान, शाहरुख़ खान, अजय देवगन के साथ ही साथ बॉलीवुड के कई बड़े सितारों की फिल्मों में गाने गाए और अपनी सुरीली आवाज से सबको अपना दीवाना बनाया| उदित सिर्फ हिंदी गाने तक ही सीमित नहीं रहें, उन्होंने हिंदी के साथ-साथ बंगाली,तमिल,मलयालम, भोजपुरी सहित कई भारतीय भाषाओँ में अपनी आवाज का जादू बिखेरा |

आते थे धमकी भरे फोन कॉल – उदित ने अपने दिए एक इंटरव्यू में बताया कि जब उन्होंने करण जौहर की फिल्म 'कुछ कुछ होता है' के गानों को गाया- तो उस फिल्म के सभी गाने सुपरहिट हो गए ऐसे में उस वक्त मेरी कामयाबी सातवें आसमान पर थी | लेकिन ये बात कई लोगों को हजम नहीं हो रही थी | वह बताते है कि उनको आये दिन काम छोड़ने के लिए धमकी भरे फोन आने लगे | फोन करने वाला यह कहता था कि गाना गाना छोड़ दो नहीं तो तुमको जान से हाथ धोना पड़ सकता है | उन्होंने कहा की शायद किसी ने मेरे नाम की सुपारी दे रखी थी, एक समय उदित रोजाना आ रहे धमकी भरे फोन कॉल से इतना परेशान हो गए थे कि वह सुसाइड करने के बारे में सोचने लगे थे | लेकिन उन्होंने हिम्मत दिखाई और ऐसा कुछ नहीं किया | वह कहते है कि फ़ोन कॉल्स आने का सिलसिला 1998 से 2019 तक चलता रहा, उसके बाद अपने आप ही बंद हो गया |


उदित ने की हैं दो शादियाँ – फेमस सिंगर उदित नारायण ने दो शादी की है | उनकी पहली पत्नी का नाम रंजना झा है | वंही दूसरी पत्नी का नाम दीपा नारायण | उदित के जीवन मेंपरेशानियों का दौर एक बार फिर लौट के आया, लेकिन इस बार इन परेशानियों के कारण वह खुद थे | और कारण था कि जब उन्होंने दूसरी शादी की तो पहली पत्नी रंजना के साथ हुई शादी को ही मानने से इंकार कर दिया था | ऐसे में जब उदित की पहली पत्नी रंजना ने कोर्ट का सहारा लिया और कोर्ट में शादी की तस्वीरों को पेश किया, तब जाकर उन्होंने पहली पत्नी रंजना के साथ हुई शादी को स्वीकार किया | कोर्ट के आदेश के बाद उदित ने अपनी पहली पत्नी के खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली |


मिल चुकें है कई अवार्ड – उदित नारायण को अपने लाजवाब गाए, गानों के लिए 4 बार नेशनल फिल्मफेयर अवॉर्ड मिल चुका है |वंही उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का 3 बार अवॉर्ड मिल चुका है उनमे से पहली बार उन्हें साल 2002 में फिल्म 'लगान' के मितवा...गाने पर दूसरी बार फिल्म 'जिंदगी खूबसूरत है' का गाना छोटे–छोटे सपने....,वहीँ तीसरी बार फिल्म 'स्वदेश' का गाना यह तारा वह.... शामिल हैं | उन्हें साल 2009 भारत सरकार के द्वारा पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया जा चुका है| उदित नारायण अब तक लगभग 30 भारतीय भाषाओँ में लगभग 15 हजार गाने गा चुके हैं |