पिछले साल एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा था। ये वीडियो उन्नाव में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर का था जो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया था और उसके वायरल होने के बाद उस सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था।

उस वीडियो में इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर लोगों से अपना काम करने के लिए रिश्वत लेने की बात की थी। बीघापुर थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर उमेश त्रिपाठी को उन्नाव में एक कार्यक्रम के दौरान बनाए गए वीडियो में यह कहते हुए सुना गया कि "पुलिस पैसे लेती है तो काम भी करती है। किसी और विभाग में जाओ, वे पैसे लेंगे, लेकिन वे तुम्हारा काम नहीं करेंगे।"

यह वीडियो 29 नवंबर 2021 का बताया जा रहा है, जब एक स्थानीय स्कूल में पुलिस का कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

उन्होंने आगे कहा "पुलिस से बेहतर कोई विभाग नहीं है। शिक्षकों को देखो, वे घर से पढ़ाते हैं, छह महीने छुट्टी पर घर पर रहते हैं। जब कोविड होता है, तो वो स्कूल नहीं जाते हैं।"

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शशि शेखर सिंह ने कहा था कि वीडियो की जांच के आदेश दिए गए थे और बीघापुर के सर्किल अधिकारी (सीओ) द्वारा कंडक्ट किया गया था।

हमारी प्रतिक्रिया- पुलिस अधिकारी का इस तरह खुलेआम रिश्वत लेने की बा त पर गर्व करना पूरे पुलिस डिपार्टमेंट के लिए अपमानजनक बात है। जनता आज भी देश के कानून पर यकीन करती है। लेकिन अगर कानून के रखवाले ही ऐसे स्टेटमेंट देंगे तो लोगों का पुलिस से भरोसा उठते देर नहीं लगेगी।