राजस्थान के जयपुर शहर में पक्षियों को रहने के लिए एक खास तरह की 6 मंजिला ईमारत को तैयार करवाया गया है। इस ईमारत को एक गौशाला की मदद से तैयार किया हैं। जहां पक्षी अपना आशियाना बना सकतें है। इतना ही नहीं, यहां पक्षियों के खाने-पीने की व्यवस्था भी हैं। इस 6 मंजिला अपार्टमेंट में घरौंधो नुमा 1300 छोटे छोटे फ्लैट्स बनाए गए हैं। जहां पक्षी आराम से रह सकतें हैं और अपना आशियाना बना सकतें हैं।

रंग बिरंगा हैं पक्षियों का फ्लैट- पिंजरापोल गौशाला की तरफ से बनवाई गई यह इमारत आपको देखने में बहुत ही आकर्षक और लुभावनी लगेगी। इसकी वजह हैं इमारत में की गई पेंटिंग। इस 6 मंजिला इमारत को रंग बिरंगे, रंगों से पेंट किया गया हैं। यह फ्लैट पक्षियों के रहने लिए बनाया गया हैं। जहां पक्षी अपनी पसंदीदा जगह चुन कर अपना आशियाना बना सकतें हैं। गौशाला कर्मियों ने मीडिया को बताया कि हम आए दिन भूख-प्यास से पक्षियों को मरता देखते है, इसकी वजह पक्षियों के लिए ना तो ठीक से रहने का ठिकाना हैं, और न ही अच्छे दाना-पानी की व्यवस्था। उसके बाद हमने सोचा कि क्यों न एक पक्षी घर बनाया जाय। जहां पक्षी दिन भर घूमने के बाद शाम को आसानी से अपने ठिकाने पर वापिस लौट सकें। गौशाला कर्मियों ने बताया कि अब तक यहां बहुत पक्षियों ने अपना ठिकाना बना लिया है। साथ ही पक्षियों ने अपने इस नए घर पर अंडे देने शुरू कर दिए हैं|


80 फिट ऊँची हैं ईमारत - मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि इस इमारत की ऊंचाई 80 फिट है। और यह 6 मंजिला हैं, साथ ही इसमें पक्षियों के लिए 1300 छोटे छोटे फ्लैट्स तैयार किए गए हैं। इन घरों की देखभाल के लिए गौशाला की तरफ से 3 आदमियों को नौकरी पर रखा गया है। जो इस ईमारत की देखभाल करेंगे| साथ पक्षियों के दाना पानी की व्यवस्था का भी ध्यान रखेंगे। इस अपार्टमेंट को पक्षी तीर्थ नाम दिया गया है| जब से ही लोगो ने इस फ्लैट को देखा, तभी से यह फ्लैट लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हों रहीं हैं|

देश में कई जगह बने हैं, पक्षी घर- गौशाला प्रबंध समिति के एक सदस्य राजू मंगोड़ीवाला ने बताया, कि मेरी टीम के सदस्य ने तमिलनाडु में बने पक्षी घर को देखा था। तब उन्होंने अपनी बात प्रबंध समिति के सामने रखा और प्रबंध समिति ने सोच विचार के बाद यह फैसला किया कि, हम भी एक पक्षी घर बनायेंगे जहां पक्षी आराम से रह सकें और उनकी मौत भूखे रहने की वजह से ना हो। उसके बाद ही उन्होंने पक्षी घर बनाने के लिए काम शुरू कर दिया। पक्षी घर बनने के बाद उसे पक्षियों के लिए खोल दिया गया हैं। जहां अब पक्षी बिना दाना-पानी की चिंता किए, दिन भर घूमते हैं और शाम को अपने आशियाने में वापस आ जाते हैं|