कहते है मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नही होता हौसलों से उड़ान होती हैं। ये लाइनें एक दम फिट बैठती हैं छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की रहने वाली वंशिका पांडेय पर जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से राज्य की पहली महिला लेफ़्टिनेंट बन न सिर्फ लड़कियों के लिए प्रेरणा बनी बल्कि छत्तीसगढ़ के सभी युवाओं की प्रेरणा बनी हैं। इन सब में ख़ास बात यह है कि वंशिका भारतीय सेना में लेफ़्टिनेंट बनने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला हैं।


इंजीनियर बनने वाली, बन गई लेफ्टिनेंट- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजनांदगांव की रहने वाली वंशिका पांडेय बचपन से ही पढ़ने में होशियार थीं।वंशिका ने पहली से नौवीं कक्षा तक की पढ़ाई बाल भारती पब्लिक स्कूल, राजनांदगांव से पूरी की। उसके आगे की पढ़ाई युगांतर पब्लिक स्कूल से पूरी की। स्कूली शिक्षा पूरी करनें के बाद बीटेक की पढ़ाई करने के लिए मध्य प्रदेश के जबलपुर में चली गई।


इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए, सेना की परेड देखकर मिली प्रेरणा- वंशिका ने जिस कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करी थीं। उसी कॉलेज के बगल में आर्मी कैंट एरिया भी था। वो हर रोज सेना की परेड देखती और परेड को देख कर ही सेना को ज्वाइन करने और देश की सेवा करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने इस बाबत सेना के ऑफिसरों से बात की और सेना में जाने के लिए तैयारी करने लगीं। एक साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली एसएस बी परीक्षा पास की। उनका सेलेक्शन होने के बाद, वह ट्रेनिंग के लिए ऑफ़िसर्स ट्रेनिंग अकेडमी, चेन्नई चली गईं। जहां 11 महीने की ट्रेनिंग के बाद उन्हें लेफ़्टिनेंट पोस्ट मिली।


माता-पिता को अपने बेटी पर है गर्व- वंशिका के इस सफलता पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है । इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी वंशिका पांडेय को लेफ़्टिनेंट बनने पर बधाई दी। वंशिका के पिता अजय पांडेय एक बिजनेसमैन हैं। वहीं उनकी मां सरला पांडेय हाउस वाइफ हैं। बेटी की इस सफलता से माता पिता के साथ ही परिवार वेलो का सर भी गर्व से ऊंचा हो गया। वंशिका के पिता अजय पांडेय ने देशभर के लोगों से यह आग्रह किया की बेटी को बोझ न समझे उसे मौका दे और अच्छे से पढ़ाई लिखाई कराएं। बेटियां आपका नाम रौशन करेंगी।