अगर आप आने वाले दिनों में किसी हिल स्टेशन पर घूमने का प्लान बना रहे हैं, और आपको समझ नही आ रहा है कि कहां जाएं। तो हम आज आपको एक ऐसे हिल स्टेशन के बारे में बताएंगे जहां की खूबसूरती देख आपको स्वर्ग जैसा अनुभव होगा। इस हिल स्टेशन का नाम मलाणा है। जो हिमांचल प्रदेश का एक गांव है। यह हिल स्टेशन कुल्लू घाटी के उत्तर पूर्व में समुद्रतल से तक़रीबन 8,701 फीट की ऊंचाई पर बसा है। यह जगह बर्फीले पहाड़, ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़ों और प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है। आपको इस गांव के आस-पास कई खूबसूरत ऐसी जगह मिल जाएंगी जहां आप घूम कर स्वर्ग जैसा अनुभव करेंगे। चलिए तो चलतें हैं, इस पोस्ट के माध्यम से मलाणा की यात्रा पर। और जानतें है उसकी खूबसूरती और घूमने की जगहों के बारे में।


मलाणा गांव का इतिहास- हिमांचल प्रदेश के कुल्लू जिले में पहाड़ियों से घिरा यह गांव मालाना क्रीम यानी कि हशीश के लिए सुप्रसिद्ध है। यहां के लोग भारत के संविधान को न मानकर बल्कि अपनी हजारों साल पुरानी परंपरा को मानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि दुनिया का पहला लोकतंत्र इसी गांव से मिला हैं। प्राचीन काल में उस समय इस गांव में कुछ नियम बनाए गए थे, जिसे बाद में संसदीय प्रणाली में बदल दिया गया। इस गांव की सबसे खास बात यह है कि इन्होंने अपने खुद के दो सदन बनाए हुए हैं। उसी सदन के द्वारा अपने मामलों का निपटारा करते हैं। साथ ही यहां के रहने वाले लोग अपने आप को सिकंदर का वंशज मानते हैं।


चंद्रखेनी- यह जगह मलाणा से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ी के चोटी पर स्थित है। आप यहां की हरी-भरी घाटियों को पार करते हुए, पारंपरिक रूप से बने घरों, फूलों से लदे घास के मैदान और बहती नदियों का नजारा देखते हुए ट्रैकिंग करके इस जगह तक पहुंच सकतें हैं। वास्तव में यह जगह बहुत खूबसूरत है। आप पहाड़ी की चोटी से आस-पास के खूबसूरत नजारे को अपने कैमरे में कैद कर सकतें हैं। यह जगह ट्रैकिंग के लिए जानी जाती है।


जमदग्नि मंदिर- हिमालय रेंज की बर्फ से ढकी चोटियों के बीच मलाणा गांव में स्थित यह मंदिर यहां के लोगों के लिए प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मंदिर को केवल लकड़ी और पत्थर से बनाया गया है। इसे वास्तुशिल्प डिजाइन और रचनात्मकता का एक सच्चा प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर के बाहरी दीवार पर बहुत ही सुन्दर नक्काशी की गई हैं। जिसे देख पर्यटक देखते ही रह जाते है। आपको यहां पर गजब की शांति का एहसास होगा।अगर आप मलाणा की यात्रा पर गए है तो इस मंदिर को देखना न भूलें।


रेणुका देवी मंदिर- आप इस मंदिर तक ट्रैकिंग करके पहुंच सकतें हैं। यहां तक जाने के लिए टैक्सी या कैब की व्यवस्था नहीं है। यह मंदिर मलाणा के निचले क्षेत्र में घने पहाड़ों के बीच स्थित है। इसकी अनूठी और जटिल लकड़ी के कामों का आकलन करने के लिए पूरे भारत के पुरातत्वविद यहां आते रहते हैं। मलाणा आने वाले पर्यटक इस मंदिर की सुंदरता और स्थापत्य समृद्धि को देखने के लिए जरुर आते हैं। यहां आने वाले पर्यटक इस मंदिर में पूजा अर्चना करतें हैं।आप भी अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए देवी मां की पूजा कर सकतें हैं।


मणिकर्ण- यह जगह मलाणा से 25 किलोमीटर की दूरी पर व्यास और पार्वती नदी के बीच स्थित है। इस छोटे से शहर में कई हिंदू देवी देवताओं के प्राचीन मंदिर हैं, जो देखने में बहुत ही भव्य और सुंदर हैं। इसके अलावा यह जगह गर्म झरनों के लिए जानी जाती है। शहर से चंद कदम की दूरी पर आपको गर्म झरने देखने को मिल जाएंगे। जिसकी सुंदरता देखते ही बनती है। इसके साथ ही आप पहाड़ी पर ट्रैकिंग कर सकतें हैं। ऐसी मान्यता है कि इस गर्म झरनों में स्नान करने से शरीर के कई रोग जड़ से खत्म हो जाते हैं।


भुंतरी- यह जगह मलाना से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां तक टैक्सी या कैब से जा सकतें है। पार्वती और ब्यास नदियों के बीच स्थित इस जगह को 'क्वीन हिल्स का प्रवेश द्वार' माना जाता है| जो कुल्लू और मनाली में हैं। इस जगह पर कई वास्तुशिल्प से परिपूर्ण महत्वपूर्ण मंदिर हैं| जो हिंदू देवताओं को समर्पित हैं और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। इस जगह पर पिन वैली नेशनल पार्क भी है जहां आप काले भालू और लंगूर जैसे वन्यजीवों को देख सकतें है। प्राकृतिक सुंदरता में लिप्त होने और कुछ साहसिक खेलों की कोशिश करने के लिए मलाणा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से इसे एक माना जाता है, यात्री इसकी सुंदरता को देखने के लिए यहां आते हैं।


हम्पटा दर्रा- मलाणा से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हम्पटा दर्रा देखने में बहुत ही खूबसूरत है। आप यहां हरे-भरे जंगल नीली घाटियां झीलें और प्राकृतिक सुंदरता को देख सकतें हैं। इस जगह की यात्रा पर्यटकों को रोमांच से भर देती है। आप इस जगह पर ट्रेकिंग, कैंपिंग, हाइकिंग, माउंटेन क्लाइम्बिंग, का लुफ्त उठा सकतें हैं।


ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क- मलाणा से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस पार्क में आपको देखने के लिए बहुत कुछ है। आप इस पार्क तक टैक्सी या कैब के द्वारा पहुंच सकतें हैं। चारों तरफ बर्फ के पहाड़ ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़ इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते है। आप यहां पर पौधों की विभिन्न प्रजातियां और जानवरों के 375 प्रजातियों को देख सकतें हैं। उनमें हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग, भारल, हिमालय तहर आदि हैं।


पार्वती घाटी- यह जगह मलाणा से 40 किलोमीटर की दूरी पर है। आप यहां तक पहुंचने के लिए बस, कैब या टैक्सी ले सकतें है। आप पार्वती घाटी में हरे-भरे पहाड़, खुला आसमान और बहती हुई पार्वती नदी का सुन्दर नज़ारा देख सकतें है। यह वास्तव में सरासर जादू जैसा है! हिमालय की गोद में स्थित और मनाला से सिर्फ एक छोटा सा ट्रेक दूर, यह जगह देखने लायक है। यह जगह ट्रेकर्स और बैकपैकर्स के लिए स्वर्ग है। अपने खूबसूरत परिदृश्य के लिए, इसे 'भारत के एम्स्टर्डम' के रूप में जाना जाता है|


मलाणा घूमने का सबसे अच्छा समय- मलाणा घूमने के लिए वैसे तो पूरे साल का अच्छा समय है| आप इस जगह पर पूरे साल में कभी भी जा सकतें हैं| यहां की खूबसूरती कभी कम नहीं होती। अगर आपको बर्फ में घूमना, ट्रैकिंग करना पसंद है, तो आप यहां दिसंबर से फरवरी के बीच आ सकते हैं। गर्मियों के दिनों में गांव का वातावरण बेहद सुस्त रहता है, लेकिन इस दौरान आप हशीश की खेती का लुत्फ उठा सकते हैं।


मलाणा ट्रैक के लिए टिप्स - आपको मलाणा ट्रैकिंग के दौरान निम्न बातों का ध्यान रखना पड़ेगा| 1. पहाड़ पर चढ़ते वक्त सूर्य कि सीधी रौशनी चेहरे और शरीर पर पड़ती है| इसलिए आप सनस्क्रीन लगाना और शेड्स पहनना न भूलें।2. ट्रैकिंग के दौरान ट्रैक पैंट या आरामदायक कपड़े ही पहनें। जींस पहनने से बचें।3. ट्रेकिंग के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी, जूस और चॉकलेट अपने साथ रखें। थकान के दौरान इसे पीने पर आपको एनर्जी मिलती रहेगी|4. ट्रैकिंग के दौरान स्थिर गति बनाए रखें इससे आप जल्दी से थकेंगे नहीं| 5. किसी भी जगह पानी के टैंक से पानी पीने से बचें। हर कोई पर्वतीय जल स्वच्छ और हेल्दी नहीं होता।

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