हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे कलेक्टर की कहानी जिनका जन्म बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था | अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से गरीबी को मात देकर कलेक्टर बन गया | इनका नाम राजेंद्र भारूड है, इनका जन्म महाराष्ट्र के धुले जिले हुआ था | इनके जन्म से पहले ही इनके पिता की मौत हो गई |इनकें परिवार को गरीबी ने ऐसे जकड़ा था कि एक –एक दाने के मोहताज थे | इनकी माँ घर पर ही, देशी शराब बेचा करती थी | राजेंद्र बताते है की जब मै 2-3- साल का था, और दूध पीने के लिए रोता था, तब इनकी दादी दूध की जगह शराब की दो तीन बूंद, मेरे मुह में डाल देती थीं, और मै चुप होकर सो जाता था | वे बताते है हमारे यहाँ सर्दी-खांसी में भी, दवाई की जगह शराब पिलाई जाती थी | धीरे-धीरे मै जब बड़ा होने लगा तब शराब पीने वालें मुझे छोटा-मोटा सामान लाने के लिए कहते, और उसके बदले में कुछ रूपये देते थे, मै उन्हीं रुपये से पढने के लिए किताब खरीदता था |

10वीं में लाये 95 % मार्क – राजेंद्र की माँ भले ही शराब बेचती थी लेकिन जो भी बचत होती थी, उससे अपने बच्चे को पढ़ने के लिए भेजती थी | उसी का फल तब मिला जब राजेंद्र इतना गरीब होने के बाद ना ठीक से पढाई, ना ही किताब, फिर भी हाईस्कूल की परीक्षा में अपनी कड़ी मेहनत से 95% मार्क्स ले आया, तब इनकी माँ को अपने बेटे पर गर्व हुआ |

12वीं लाये 90% मार्क- राजेंद्र ये समझ गया था कि, पढाई ही उसे आगे तक ले जा सकती है |इस बात को याद करके पढाई को जारी रखा और कड़ी मेहनत से 12वीं में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त कर लिया | उसके बाद उन्होंने डॉक्टर बनने के मेडीकल की पढाई के लिए तैयारी शुरू कर दिया |

कालेज में मिला दाखिला – तैयारी पूरी होने के बाद उन्होंने मेडीकल का इंट्रेंस इग्जाम दिया और वे उसमे सफल हो गए | उनका मुंबई के सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज में एडमिशन हो गया | एमबीबीएस की पढाई पुरी हुई, और राजेंद्र को बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड मिला | राजेंद्र की माँ ने एक बार एक बात बताई थी, कि एक आदमी उसको ताने. मार रहा था कि तुम्हारा बेटा भी शराब बेचेगा | ये बात राजेंद्र के दिल पर लग गई और उसी बात को दिल में सजों कर सिविल सेवा की तैयारी करना शुरू कर दिया |

सेलेक्शन पर माँ को नहीं हुआ विश्वास – जब इस बात का पता चला कि बेटा कलेक्टर बन गया है तब राजेंद्र की माँ को यकीन नहीं हुआ | बाद में जब बड़े अफसर और नेताओं ने बधाई देना शुरू किया तब यकीन हुआ की सच कि में मेरा बेटा कलेक्टर बन गया | इस बात से राजेंद्र की माँ बहुत खुश थी, और अपने आस-पास के लोगों से बताने लगीं की देखो मेरा बेटा बड़ा अफसर बन गया |