पति-पत्नी का रिश्ता एक दूसरे के विश्वास और समझ पर चलता है| अगर दोनों एक दूसरे की भावनाओं को समझ कर एक दूसरे का साथ दें| तो इस रिश्ते में इतनी मजबूती आ जाती है, कि कोई भी मुसीबत इसे हिला नहीं सकती| जब कोई लड़की अपने घर से बिदा होकर ससुराल आती हैं, तो वह यही सोचती हैं कि उसकी जो भी इच्छाएं शादी के कारण अधूरी रह गईं हैं, वह अपनी पति के सहयोग से पूरी कर लेगी| ऐसी ही एक इच्छा मन में लिए ससुराल आईं मध्य प्रदेश की रहने वाली प्रियंका| ससुराल आने के बाद प्रियंका ने सबसे पहले अपने पति से अपनी इच्छा के बारे में बताया कि वह पढ़ना चाहतीं और पढ़-लिखकर डॉक्टर बनना चाहतीं हैं| यह सुनने के बाद उनके पति खेर सिंह ने प्रियंका इच्छा का सम्मान करते हुए प्रियंका की आगे की पढाई जारी रखने के लिए भरपूर सहयोग कर रहें हैं|

ड्राईवर पति-पत्नी को दिला रहा है परीक्षा- प्रियंका के पति खेर सिंह ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, उन्होंने सिर्फ 12वीं तक की पढ़ाई की है, और ड्राइवरी का काम करतें हैं उसी से उनके परिवार का खर्च चलता हैं| जब प्रियंका ने उनसे अपनी इच्छा को जाहिर कि| तो उन्होंने न सिर्फ उनकी इच्छा का सम्मान किया| बल्कि ये वादा भी किया मै तुम्हे पढ़ाउंगा, इसके लिए मुझे जो भी करना पड़े मै करूँगा! इस बात से प्रियंका बहुत खुश हुई और उनके सपने को नई उम्मीद मिली| प्रियंका के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए वह सिर्फ 11वीं तक की ही पढ़ाई पूरी कर सकी थी| उसके बाद उनका विवाह 2020 में अंतरी गावं के खेर सिंह से हो गया था| शादी के बाद प्रियंका की आगे की पढाई के लिए उनके पति ने ही 12वीं के लिए प्राइवेट फॉर्म भरवा दिया|


20 दिन के बच्चे के साथ जाती है परीक्षा देने- प्रियंका ने शादी के एक साल बाद ही एक बेटे को जन्म दिया| यह तो प्रियंका और खेर सिंह के लिए बहुत बड़ी ख़ुशी की बात थी| लेकिन तभी उन्हें यह पता चला कि प्रियंका का कुछ दिन बाद से 12वीं का इग्जाम शुरू होने वाला हैं| तब प्रियंका को थोड़ी सी पढाई की चिंता ज़रूर हुई| लेकिन अगले ही पल उसको अचानक से अपने सपने की याद आई और वह पूरे आत्मविश्वास भर गई और पूरे मन के साथ पढ़ाई में जुट गई| वह पहले अपने बच्चे को सुलाती उसके बाद रात को पढाई करती| वह अपने सपने को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही थीं| जब प्रियंका की परीक्षा शुरू हुई तब उसका बेटा सिर्फ 20 दिन का ही हुआ था| ऐसे में भले ही बच्चे को जन्म देने के बाद उनका शरीर इस परीक्षा के लिए इजाजत नहीं दे रहा हो, लेकिन उनकी आत्मा में भरे आत्मविश्वास ने उन्हें हिम्मत दी और वह परीक्षा देने गईं|

परीक्षा के दिन करना पड़ता हैं 60 KM का सफ़र- कहतें हैं जब किसी महिला को बच्चा पैदा होता हैं तो वह दर्द इतना भयानक होता हैं कि उसका एहसास कई महीनों तक जेहन में बसा रहता हैं| ऐसे में सिर्फ 20 दिन का बच्चा लेकर किसी महिला को इतनी दूर का सफ़र कर परीक्षा देने जाना आसान काम नहीं हैं| फिर भी प्रियंका अपने सपने को पूरा करने के लिए, हर दर्द को सहने के लिए तैयार थी, इसलिए उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और परीक्षा देने के लिए 60KM का सफ़र तय करती थीं| वह स्कूल में पहुचंने के बाद अपने बच्चे को अपने पति खेर सिंह के हवाले कर खुद परीक्षा देने एग्जाम हॉल में चली जातीं थीं|


पति ने दिया हर कदम पर साथ- न्यूज 18 की खबर के मुताबिक प्रियंका ने बताया कि उनके पति खेर सिंह ने उनका हर कदम पर साथ दिया| और उन्होंने मेरे सपने का सम्मान किया और मेरी पढ़ाई पूरा करा कर मुझे डॉक्टर के रूप में देखना चाहतें हैं| वह कहतीं हैं कि जब मेरे ससुराल वालों को मेरी पढ़ाई के बारें में पता चला, तब उन्होंने साफ-साफ मना कर दिया था| लेकिन मेरे पति के समझाने बाद वह मान गए| प्रियंका अपने जैसी लड़कियों के लिए यह संदेश देना चाहतीं हैं, कि हर लड़की को अपना सपना पूरा करना चाहिए उसे हिम्मत नहीं हारनी चाहिए| बल्कि अपना सपना पूरा करने के लिए संघर्ष करना चाहिए|

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