पिता-पुत्र का रिश्ता कितना गहरा होता है, यह दुनिया में किसी से भी नहीं छिपा है| ऐसा कहा जाता है कि श्रवण कुमार के माता-पिता बचपन से अंधे नहीं थे बल्कि एक पुत्र की चाहत में उन्होंने अपनी दोनों आँखे निकाल कर हवनकुंड में दान दे दी थी| उसके बाद वो अंधे हो गए, उसके बाद उनकी पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया जिनका नाम श्रवण कुमार था| एक पिता हमेशा यही चाहता है, कि उसका बेटा जीवन में हमेशा उससे बेहतर बने, उससे ज्यादा पढ़-लिखकर बड़ी सफलता हासिल करे| ऐसे में अगर पिता-पुत्र कोई परीक्षा एक साथ दें और उस परीक्षा में पिता पास, और पुत्र फेल हो जाए तो| तो उस समय पिता, को पुत्र के फेल होने का दुःख, होगा या अपने पास होने की ख़ुशी, यह मनस्थिति सिर्फ वह पिता ही बता सकता हैं, जिसने ऐसे समय का सामना किया हो|


पिता पुत्र ने दी! एक साथ परीक्षा- अभी हाल ही में महाराष्ट्र बोर्ड ने 10वीं व 12वीं के रिजल्ट घोषित किए हैं| इस परीक्षा में महाराष्ट्र के पुणे जिले के रहने वाले 43 वर्षीय भास्कर वाघमारे और उनके 16 साल के बेटे ने एक साथ 10वीं की परीक्षा दी थी| जब बोर्ड ने 10वीं का रिजल्ट जारी किया, तब उस परिणाम में भास्कर सभी विषय में पास थे लेकिन उनका बेटा 2 विषय में फेल हो गया| उस समय भास्कर का चेहरा देखने लायक था, भास्कर इस स्थिति में खुश हो या दुखी हो यह वह समझ नहीं पा रहे थे|

मजबूरी में 30 साल पहले, छोड़ी थी पढ़ाई- भास्कर वाघमारे ने 30 साल पहले बहुत ही छोटी सी उम्र में परिवार की जिम्मेदारी की वहज से मज़बूरी में पढ़ाई छोड़नी पड़ी| भास्कर पढ़ना तो बहुत चाहते थे, लेकिन मज़बूरी वश वह पढ़ नहीं सके| लेकिन पढ़ाई के प्रति उनका ज़ज्बा कभी कम नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने 30 साल बीत जाने के बाद भी बची हुई कसर को पूरा करने के लिए फिर से 10वीं की परीक्षा दी| भास्कर का कहना है, कि उन्हें अपने व्यवसाय में ज्यादा पैसा कमाने में मदद मिल सके, इसलिए उन्होंने फिर से पढ़ाई करने का फैसला किया| वह हर दिन अपना काम ख़त्म करके, परीक्षा की तैयारी में पूरे मन से लग जाते| संयोग से जिस साल वह 10वीं की परीक्षा में बैठने का फैसला किया था उसी साल उनका बेटा भी उसी क्लास में पढ़ रहा था| उनके बेटे ने पढ़ाई में, उनकी खूब मदद की लेकिन वह तो पास हो गए, पर उनका बेटा फेल हो गया|


बेटे का बढ़ाया हौसला- जब महाराष्ट्र बोर्ड ने परीक्षा का रिजल्ट जारी किया, तब उनके बेटे ने अपने पिता का और अपना रिजल्ट देखा, तब उसने बड़ी ही ख़ुशी के साथ अपने पिता को बताया कि आप पास हो गए हैं| लेकिन अगले ही पल वह उदास हो गया, उदासी का कारण जब भास्कर ने अपने बेटे से पूछा तो उसने बताया कि, पिता जी मै दो विषय में फेल हो गया हूँ| तब भास्कर ने अपने बेटे को कहा कि, कोई बात नहीं बेटा, पास फेल होना तो लगा ही रहता हैं| इंसान कई बार असफल होने पर उससे सीख लेता है, और एक दिन जरुर सफल होता| आगे उन्होंने कहा कि बेटा फिर से तैयारी करो और परीक्षा दो, मुझे पूरा भरोसा हैं कि इस बार तुम जरुर पास हो जाओगे| मीडिया से बातचीत में भास्कर ने कहा कि मै 'पूरक' परीक्षा में बेटे की भरपूर मदद करूँगा और वह जरुर पास होगा|