संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा पास करना हर युवा का सपना होता है। इस परीक्षा को पास करना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे में कई युवा इस परीक्षा को पास करने के लिए दिन रात एक कर देते है। तब जाकर कहीं उन्हे सफलता मिलती है। वहीं कई ऐसे भी युवा होते हैं जिनके पास पढ़ने के लिए पैसा और उचित संसाधन नहीं होता है, फिर भी उनके घर वाले अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए और उनका सपना पूरा करने के लिए अपना घर, खेत तक बेच देते हैं। ऐसा ही कुछ किया है आईएएस प्रदीप के पिता ने। प्रदीप के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उनके पिता पेट्रोल पंप पर काम करते थे।लेकिन अपने बेटे को आईएएस अफसर बनाना चाहते थे।इसलिए उन्होंने अपना घर बेच प्रदीप को सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा। प्रदीप ने भी अपने पिता का मान रखा और महज 3 साल की तैयारी में साल 2020 की यूपीएससी परीक्षा में 26वीं रैंक हासिल कर आईएएस अफसर बन अपना सपना पूरा किया।


प्रदीप के बारे में- प्रदीप मूल रूप से बिहार राज्य के गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं, लेकिन उनका परिवार मध्य प्रदेश के इंदौर में रहता है। प्रदीप की शुरुआती पढ़ाई इंदौर से ही पूरी हुई। प्रदीप पढ़ने में बचपन से ही अच्छे थे। प्रदीप ने 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन के साथ ही यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया। लेकिन उनके पिता की इतनी आमदनी नही थी, कि वह प्रदीप को दिल्ली पढ़ने के लिए भेज सके। ऐसे में उन्होंने प्रदीप को पढ़ाने के लिए उनके पिता ने अपना घर बेच दिया। और प्रदीप को यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली भेजा। प्रदीप दिल्ली पहुंच कर UPSC की तैयारी में जुट गए। हालांकि घर बिकने की वजह से प्रदीप थोड़े दबाव में थे। ऐसे में उन्होंने यह फैसला किया कि जल्द से जल्द UPSC परीक्षा पास कर, IAS अफसर बन, अपने घर वालों की इच्छा पूरी करेंगे।


पहले अटेम्प्ट में पास की UPSC परीक्षा- प्रदीप ने दिल्ली जाकर पूरे जोश के साथ तैयारी की। ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद उन्होंने अपना पहला अटेम्प्ट साल 2018 में दिया, उन्हे पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास करने में सफलता मिली। इस परीक्षा में उन्हे 99वीं रैंक मिली। प्रदीप ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनका 1 रैंक कम होने की वजह से आईएएस में चयन नहीं हो पाया। हालाकि उनके पास आईपीएस (IPS) चयन करने का मौका था, लेकिन उन्होंने आईआरएस (IRS) का चयन किया और रेवेन्यू सर्विस को ज्वाइन कर लिया।


दूसरे प्रयास में बने IAS- प्रदीप सिंह पहले प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर रेवेन्यू सर्विस की ट्रेनिंग पूरी कर, नौकरी करने लगे। लेकिन इस दौरान उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। क्योंकि उनका लक्ष्य आईएएस अफसर बनने का था। प्रदीप ने बताया कि वह 6 महीने की छुट्टी लेकर, एक बार फिर से यूपीएससी की तैयारी में लग गए। और अपने दूसरे प्रयास में साल 2020 की UPSC परीक्षा में उन्होंने 26वीं रैंक हासिल कर, अपना आईएएस बनने का सपना आखिरकार पूरा ही कर लिया।

प्रदीप कहते है, कि यूपीएससी का सिलेबस बहुत बड़ा है। लेकिन अगर कोई भी अभ्यर्थी अपनी तैयारी सही दिशा और निरंतर करता है, तो एक दिन वह जरूर सफल होगा। भले ही किसी किसी को थोड़ा ज्यादा समय लग जाता है, लेकिन निरंतर प्रयास करते रहने से एक दिन सफलता जरूर मिलती है।