भारत एक कृषि प्रधान देश है | आज भी भारत में 45 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं | किसान अपनी कड़ी मेहनत से फसल उगाता है, और उसी फसल से उसका, और उसके परिवार का जीवन यापन होता है | कहते है जब कोई इंसान अपने मन में कुछ करने की ठान ले, फिर उसे चाहे कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े, वह सभी कठिनाइयों को मात देकर अपने लक्ष्य तक पहुँच ही जाता है | हमारे देश में एक कहावत बहुत प्रचलित है कि, किसान का बेटा किसान ही बनेगा | इसा बात को गलत साबित किया है, केरल के बी. रवि पिल्लई ने | रवि का जन्म 2 सितंबर 1953 में केरल के चवरा नामक गांव में हुआ था | इनके पिता एक साधारण किसान थे, फिर भी वे शिक्षा का महत्व समझते थे | भले ही मै किसान हूँ, लेकिन मेरा बेटा किसान नहीं बनेगा, इसके लिए रवि के पिता ने अपने बेटे का एडमिशन शहर के एक अच्छे कालेज में करवा दिया | जंहा से रवि ने अपनी ग्रेजुएशन की पढाई पूरी की | उसके आगे की शिक्षा के लिए उन्होंने कोच्चि यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया| जंहा रवि ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की |

उधार के पैसे से शुरू किया बिजनेस – रवि ने अपनी पढाई पूरी करने के बाद बिजनेस करने का फैसला किया | रवि ने अपने पिता से इस बारे में बात की, लेकिन उनके पिता के पास रवि को देने के लिए पैसे नहीं थे | कुछ दिन बाद रवि ने गावं के एक व्यक्ति से 1 लाख रुपये उधार लेकर चिट-फंड का बिजनेस शुरू किया | इस बिजनेस में रवि ने पैसा कमाया, और उधार की रकम चुकता कर दिया, और जो पैसा बचा था उसको बचा कर के रखा | रवि ने यह पहले से ही तय कर लिया था, कि उन्हें अपनी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी खोलनी है, जिसमे ज्यादा पैसे लगेंगे | रवि ने जब देखा कि मेरे पास इतने पैसे हो गए है कि, उस पैसे से मै अपनी कंपनी की शुरुआत कर सकता हूँ | तब उन्होंने ने अपनी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी शुरू कर दी | बिजनेस के शुरु होते ही उनको वेल्लोर हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट फैक्ट्री से एक बिल्डिंग बनाने का काम मिला | रवि ने इस काम को शुरू किया, लेकिन मजदूरों के आभाव में इन्हें ये काम बंद करना पड़ा, जिसकी वजह से उनको बड़ा नुकसान झेलना पड़ा, इसके बावजूद रवि ने उम्मीद नहीं छोड़ी |

भारत छोड़ विदेश में शुरू किया बिजनेस – बी. रवि पिल्लई का बड़ा नुकसान होने बाद भी, उन्होंने हार नहीं मानी और बिजनेस करने के लिए उन्होंने भारत छोड़ने का फैसला किया, और वे सऊदी अरब चले गए | सऊदी अरब जाकर उन्होंने एक बार फिर से ट्रेडिंग और कंस्ट्रक्शन का बिजनेस शुरू किया | वंहा उन्होंने 'नसीर एस अल हाजरी' नाम से अपनी कंपनी शुरू किया| सऊदी अरब में उनकी किस्मत ने साथ दिया, और देखते ही देखते एक के बाद एक कई काम मिलने लगे, जिससे उनका बिजनेस चल पड़ा | उनकी कमाई लाखों में होने लगी और वे एक सफल बिजनेसमैन बन गए | आज भी उनकी कंस्ट्रक्शन कंपनी सऊदी अरब में चल रही है |

अरबपतियों की लिस्ट में आता है नाम – आज बी. रवि पिल्लई की अमीरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, जब इनकी बेटी की शादी थी तब उस शादी में कई देशों से 30 हजार मेहमान शामिल हुए थे | 2021 में रवि पिल्लई का नाम 1,000 अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गया था, उस समय उनकीं कुल संपत्ति 2.5 बिलियन डॉलर आंकी गयी थी | रवि पिल्लई की कई देशों में अनेक कंपनिया चल रहीं हैं | आज उनके कंपनी में लगभग 70 हजार कर्मचारी काम करतें है | एक साधारण किसान परिवार में जन्मे रवि पिल्लई अपनी मेहनत के दम पर आज केरल के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं |


100 करोड़ का हेलीकाप्टर खरीदने वाले बने पहले भारतीय – बी. रवि पिल्लई की पूरे दुनिया में चर्चा हो रही है | हाल ही में उन्होंने 100 करोड़ की एक हेलीकाप्टर को खरीद कर सबको चौका दिया है | ये हेलीकाप्टर AIRBUS H 145 अब तक का सबसे आधुनिक हेलीकाप्टर है, इसकी कीमत 100 करोड़ रूपये है | ये हेलीकाप्टर हर प्रकार की सुरक्षा से लैस है, इस हेलीकाप्टर में पायलट को छोड़कर 7 यात्री बैठ सकते हैं | इस तरह के हेलीकाप्टर को खरीदने वाले पहले भारतीय बनें है, बी. रवि पिल्लई | बी. रवि पिल्लई ने जो भी सफलता हासिल की है, उसके लिए उन्होने कई सालों तक कड़ी मेहनत की है, जिस वजह से आज एक किसान के बेटा पूरी दुनियां में नाम रौशन करने में सफल रहा है |


मिलें है कई अवार्ड – बी.रवि पिल्लई को साल 2008 में 'प्रवासी भारतीय सम्मान' से सम्मनित किया जा चुका है | वहीँ साल 2010 में भारत सरकार के द्वारा इन्हें 'पद्म श्री' से नवाजा गया था | इसके बाद इन्हें एक्सेलसियर कॉलेज न्यूयॉर्क से डॉक्टरेट की उपाधि मिली हैं ।