जब कोई व्यक्ति अपनी फ़ील्ड से हटकर कोई काम शुरू करता हैं, तो लोग उसे मूर्ख समझते हैं| और ये ज़रुर कहतें हैं कि जब यही काम करना था तो पढ़ाई लिखाई क्यों की ?| ऐसे ही आलोचनाओं का शिकार हुए, कर्नाटक राज्य के रहने वाले 43 वर्षीय श्रीनिवास गौड़ा| श्रीनिवास गौड़ा IIT पास आउट हैं| उन्होंने अपनी डिग्री पूरी करने के बाद, एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की| कई सालों तक नौकरी करने बाद एक दिन अचानक उन्होंने अपनी जॉब से रिजाइन कर दिया| और गावं आकर गधों की फॉर्मिंग करने लगे| उनके इस फैसले से उनके घर वालों के साथ ही गावं वाले और रिश्तेदार भी बहुत नाराज हुए| आज हम आपको श्रीनिवास गौड़ा के सफ़लता के बारे में बताएंगे| कि कैसे? समाज के आलोचनाओं को ध्यान दिए बिना अपने मन का काम रहें है, और लाखों रूपये सालाना की इनकम कर रहें हैं|


शुरू किया गधा पालन- कर्नाटक राज्य के कन्नड़ जिले के बंतवाल गाँव में जन्म लेने वाले श्रीनिवास गौड़ा| पेशे से एक इंजीनियर हैं| उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से IIT परीक्षा को पास कर इंजीनियरिंग में दाखिला लिया और अपनी डिग्री पूरी कर एक अच्छी कंपनी में जॉब करने लगे| उसी दौरान उनके मन में अपना कुछ शुरू करने का विचार आया करता था| लेकिन वह अपने मन को यह कह कर रोक देते कि अभी तो नौकरी शुरूआत ही की हैं| कुछ दिन और नौकरी कर लेते हैं फिर शुरू करेंगे| ऐसे ही सोचते-सोचते कई साल बीत गए| नौकरी के दौरान ही उन्होंने गधों के बारे में एक कहानी सुनी कि आजकल अपने देश में गधों की आबादी बहुत तेजी से घट रही हैं| और उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा हैं| तभी उन्होंने सोचा कि क्यों न गधों के लिए कुछ किया जाए| फिर उन्होंने गधों के फॉर्मिंग बारे में जानकारी इकट्ठा शुरू कर दिया| जानकारी के दौरान ही उन्हें पता चला कि गधी का दूध बहुत मंहगा और इंटरनेशनल मार्केट में इसकी बहुत डिमांड है| तब उन्होंने यह फैसला किया कि अब वह गावं जाकर गधों की फॉर्मिंग करंगे और उनकी देखभाल करेगें| इसके लिए उन्होंने अपनी लाखों रूपये वाली नौकरी को रिजाइन कर दिया और गावं में 3 एकड़ जमीन ख़रीदकर गधों को पालना शुरू किया| उनके इस फैसले पर उनके दोस्तों ने ताने मारते हुए कहा कि यह बेहद ही मूर्खता भरा फैसला है| इससे कुछ नहीं होने वाला... बाद में तुम्हे फिर से नौकरी ही करनी पड़ेगी| लेकिन उन्होंने उन लोगों को गलत साबित कर दिया गधों की सफल फॉर्मिंग करके| श्रीनिवास गौड़ा ने गधी का दूध निकाल कर मार्केट में बेचना शुरू कर दिया और कुछ ही दिनों में उनकी लाखों रूपये महीने की कमाई होने लगी|

दूधों में सबसे मंहगा है गधी का दूध- उन्हें अपने इस फॉर्मिंग से सिर्फ गधों का ही भला नहीं करना था, बल्कि उन्हें अपने लिए भी चिंता थी, कि कैसे इस काम से पैसा कमाया जा सकता हैं| जब इस बारें में उन्होंने रिसर्च किया तो पता चला कि गधी के दूध का इस्तेमाल कास्मेटिक के सामानों को बनाने के लिए उपयोग किया जाता हैं| और मार्केट में 30ML दूध की कीमत 150 रूपये के करीब होती हैं| साथ ही गाधों के मूत्र का इस्तेमाल दवाइयों को बनाने में किया जाता है|


और इसके मूत्र के 1ली की कीमत 500 से 600 रूपये है| इतना ही नहीं इसके गोबर से जैविक खाद भी बनाई जा सकती हैं| फिर क्या था, गधो की फॉर्मिंग से फायदा ही फायदा था कोई नुकसान का सौदा नही था| फिर उन्होंने एक फॉर्म बनवाया और उसमे 20 गधी और गधों को पाला और उनका दूध,मूत्र, और खाद बेचकर लाखों रूपये महीने की कमाई करने लगे| इस तरह से श्रीनिवास गौड़ा अपने आप को सफल बिजनेसमैन साबित करने में सफल रहें| जो लोग पहले उनके इस काम पर ताना मार रहे थे| वही लोग आज श्रीनिवास गौड़ा की तारीफ करते नहीं थकते|

मिल चुका हैं 17 लाख का ऑर्डर- श्रीनिवास गौड़ा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि गधी के दूध में कई गुण हैं, और यह स्वादिष्ट भी होता हैं| उन्होंने बताया कि जब मैने इस काम को शुरू किया था , उसके 10 दिन के बाद से ही दूध का ऑर्डर मिलने लगा था| अब तक उन्हें 17लाख का ऑर्डर मिल चुका हैं| उनका कहना हैं कि अब वह अपने इस रोजगार को बढ़ाना चाहतें है, और गधी का दूध पैकेट में करके सुपरमार्केट, मॉल्स और दुकानों को सप्लाई करेंगे| जिससे उनकी इनकम और भी ज्यादा हो सकेगी|

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