देश में गहराया बिजली संकट, राज्यों में आठ घंटे तक कटौतीदेश में कोयले की कमी ने बड़ा बिजली संकट पैदा कर दिया है, साथ ही साथ भीषण गर्मी ने आग में घी डालने का काम किया है | देश में बिजली की मांग बढ़ कर 62.3 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है | शहर से लेकर ग्रामीण इलाको में 2 से 8 घंटों की कटौती की जा रही है |

देश के ज्यादा तर राज्यों में लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है | ऐसा कोयले की कमी और कम आपूर्ति की वजह से हो रहा है | बिजली संयंत्रों में बिजली का उत्पादन कम हो रहा है और मांग बढती जा रही है जिसको लेकर राज्य सरकारें मांग को पुरीं करने की जद्दोजहद से जूझ रहीं है | बिजली कटौती से सबसे ज्यादा कारखाने प्रभावित हो रहे हैं, मार्च के रिकॉर्ड गर्मी पड़ने के बाद अप्रैल में भी भीषण गर्मी जारी है | ऐसे में बिजली की मांग अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच गई है | जानकारों के मुताबिक बिजली की कुल कमी 62.3 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है, ये आकड़ा पिछले महीने की मांग से ज्यादा है | अपने देश में कोयले से कुल बिजली का 70 प्रतिशत उत्पादन होता है | सरकार ये दावा कर रही है कि हमारे पास पर्याप्त कोयला उपलब्ध है | भारतीय रेल ने कोयले की आपूर्ति को लेकर सतर्क है, कोयले की आपूर्ति देश के सभी संयत्रों तक सुचारू करने के लिए स्पेशल रुट तैयार किया है | संयत्रों के पास पिछले नौ सालों में कोयला का सबसे कम भंडार है | इसके अलावा यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते इंटरनेशनल इनर्जी प्राइस में बढ़ोतरी के साथ कोयले के आयात में गिरावट आई है |

दिल्ली सरकार ने खड़े किए हाथ केंद्र को लिखा पत्र - दिल्ली में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है। दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने पर्याप्त कोयला आपूर्ति को लेकर केंद्र को पत्र लिखा है |उन्होंने लिखा कि दादरी-राष्ट्रीय राजधानी पावर स्टेशन और फिरोज गांधी ऊंचाहार थर्मल पावर प्लांट से आपूर्ति बाधित हो रही है । अप्रैल महीने की शुरूआत के बाद से बिजली की मांग 34 प्रतिशत बढ़ गई | 1 अप्रैल को बिजली की मांग 4,469 मेगावाट थी। इस साल दिल्ली में रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ रही है। महीने के अंत तक आते आते बिजली की मांग बढ़ कर 6000 मेगावाट तक पहुंच गई। इस कारण लोग अपने घरों ऑफिसों में कूलर-एसी का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं और इसका सीधा असर बिजली की खपत पर पड़ा रहा है। एक अधिकारी के मुताबिक इस साल अधिकतम मांग 8200 मेगावाट तक रह सकती है।

दिल्ली राजस्थान यूपी हरियाणा में कितना बचा कोयला - कोयले के स्टॉक को लेकर बड़ा दावा किया है, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे के अनुसार उत्तर प्रदेश में सिर्फ 7 दिनों का ही कोयला बचा है।इसी तरह राजस्थान में महज 17 दिनों तक बिजली उत्पादन हो सकता है | हरियाणा की बात करें तो राज्य के पास महज 8 दिनों तक का कोयला शेष है | ऐसे में, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु,पंजाब, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में भी हालात अच्छे नहीं हैं। एक अधिकारी ने बताया है कि 2021-22 में कोयले का आयात कम हुआ था, जो की बिजली संकट का एक कारण ये भी है |

हरियाणा : 500 से 600 मेगावाट की कमी

हरियाणा के उर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि अगले पांच दिनों में प्रदेश में बिजली समस्या का निराकरण कर लिया जाएगा । इस समय प्रदेश में 7 हजार मेगावाट बिजली सप्लाई की जा रही है। मांग व आपूर्ति में महज 500 से 600 मेगावाट का अंतर है। उन्होंने कहा बाहर से बिजली खरीदने की बात चल रही| बिजली आपूर्ति में कमी ना आये इसके लिए हम सभी उपाय करेंगे बिजली विभाग के अधिकारीयों से कहा की फीडर अनुसार मैनेज करें और संबंधित वर्ग को निर्धारित तय अनुसार बिजली आपूर्ति करें।

पंजाब : उपलब्धता 4400 और मांग 7500 मेगावाट

पंजाब में भी बिजली का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है । गुरुवार को राज्य में उपलब्धता केवल 4400 मेगावाट के मुकाबले मांग 7500 मेगावाट की रही। पावरकॉम ने महंगे दाम में बाहर से बिजली खरीदी है, लेकिन इससे भी पूर्ति नहीं हो पा रही है ।कारखानों और उध्योगो को 6 घंटे तक की कटौती का सामना करना पड़ रहा है । वहीं गांवों में 8 से 9 घंटे और शहरों में 3 से 4 घंटे की कटौती से लोग बेहाल है । पावरकॉम रोपड़, तलवंडी, गोइंदवाल से 2186 मेगावाट बिजली प्राप्त हो रही है |

मध्य प्रदेश : बिजली संकट से शहरी व ग्रामीण परेशान

मध्य प्रदेश में भी बिजली संकट गहरा होता जा रहा है। रोजाना 14 रैक कोयले की जगह प्रदेश को 10 रैक ही कोयला मिल पा रहा है |इससे परेशानी और बढ़ गई है। एमपी पावर जनरेटिंग कंपनी को थर्मल प्लांट्स चलाने के लिए प्रतिदिन 58 हजार टन कोयले की जरूरत है, लेकिन करीब 50 हजार टन ही कोयला मिल पा रहा है। आने वाले समय में गंभीर बिजली संकट होने की आशंका बढ़ गई है। प्रदेश में बिजली की उपलब्धता 10 हजार मेगावाट है और मांग 12 हजार मेगावाट की है । इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कई घंटों तक की कटौती की जा रही है।

जम्म में हर घंटे कटौती से लोग गुस्साए- रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी के बीच जम्मू में बिजली-पानी संकट थम नहीं रहा है। गुस्साए लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। बिजली की नियमित आपूर्ति नहीं होने से कारखाने और उद्योग भी बंद हो रहे है ,जिससे उत्पादन पर भारी असर पड़ रहा है। जम्मू शहर में वीरवार को मुश्किल से 10 घंटे ही बिजली की आपूर्ति हो पाई। हर घंटे के बाद बिजली का अघोषित कट लगाया जा रहा है । केंद्र सरकार ने घोषणा किया है कि जम्मू-को 207 मेगावाट की अतिरिक्त सप्लाई होगी। जम्मू और कश्मीर दोनों ही संभाग में बराबर आपूर्ति होगी।

यूपी में 3,000 मेगावॉट बिजली की कमी

देश में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 23,000 मेगावॉट की मांग के मुकाबले आपूर्ति सिर्फ 20,000 मेगावॉट की हो पा रही है कुल 3,000 मेगावॉट बिजली की कमी है | ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में बिजली कटौती बराबर की जा रही जिससे शहर और गावं के लोगो को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा | उत्तर प्रदेश सरकार बिजली आपूर्ति पूरी करने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और जरुरत पड़ने पर बाहर से बिजली खरीदने को तैयार है |