मेरी जीत भी तू ..मेरी हार भी तू ... मेरी नांव भी तू .... मेरी पतवार भी तू ..... ये सिर्फ पंक्तिया नहीं, यह दिल से निकली हुई उन भावनाओ का उन्माद है जिसे शब्दों के मोतियों से बुनकर, एक पूरी मालाओं का संकलन तैयार किया गया है जिसका नाम है। "मणि की किरण"! यह एक काव्य संग्रह है जिसके लेखक एक ऐसे इंसान है जिन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी को उनके दुनिया से रुक्सत हो जाने के सालों बाद भी, अपने प्यार को इस काव्य संग्रह मणि की किरण में लिखी कविताओं के द्वारा समर्पित किया है

दिल्ली मेट्रो के डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र मणि त्रिपाठी ने अपनी दिवंगत पत्नी स्वर्गीय किरण मणि त्रिपाठी की याद में एक काव्य संग्रह लिखा है जिसका नाम है "मणि की किरण"। इस पुस्तक का विमोचन 22 जून को दिल्ली के एनडीएमसी(NDMC) कन्वेंशन सेंटर में दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना के साथ ही सेवानिवृत्त आईपीएस व पूर्व (SDG CRPF)दीपक मिश्रा, बीजेपी के प्रवक्ता व सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व सचिव भारत सरकार आईएएस अफ़सर राम मोहन मिश्र, विशेष आयुक्त दिल्ली पुलिस नुज्हत हसन, आइएफ़एस अधिकारी व पूर्व सचिव भारत सरकार अमरेन्द्र खतुआ द्वारा हुआ।


इस कार्यक्रम के मौके पर गणमान्य अतिथियों में दीपेन्द्र पाठक, वीरेंद्र सिंह चहल,संजय शुक्ला, डॉ आलोक मिश्रा, शुवाशेष चौधरी, रजनीश गुप्ता, तनु शर्मा, ज्योति मिश्रा, सतीश तिवारी, आलोक यादव, मधुप तिवारी आदि मौजूद रहे| मंच पर बैठे सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की, साथ ही "मणि की किरण" का विमोचन किया| कार्यक्रम के मंच का संचालन डॉ ज्योति ओझा ने किया| 'मणि की किरण' काव्य संग्रह की समीक्षा ADG ऑल इंडिया रेडियो लक्ष्मी शंकर बाजपाई, के साथ ही अलका सिंह एवं नरेश शांडिल्य ने किया| इस पुस्तक का प्रकाशन हिंदी सहोदरी के मुख्य संयोजक जय कान्त मिश्रा ने किया| मंच पर बैठे सभी अतिथियों ने उपायुक्त जितेंद्र मणि त्रिपाठी की खूब प्रशंसा की और कहा कि भले ही उनकी पत्नी शारीरिक तौर पर उनके साथ नहीं है लेकिन वो हमेशा हम लोगो के साथ है

एक पुलिस आयुक्त होने बावजूद जितेंद्र मणि एक बेहद ही संवेदनशील इंसान है जिसकी वजह से समय -समय पर उनके द्वारा किये गए कार्यो को लोग सराहते रहे है अपने काव्य लेखन के बावजूद उनके कार्य कुशलता में कोई कमी नहीं आई और वह पूरी तत्परता के साथ दिल्ली पुलिस में सेवा दे रहें हैं| अपनी पत्नी के प्रति उनका स्नेह इस बात का सबूत है कि उन्होंने अपनी पत्नी की याद में एक कविता संग्रह लिख दिया, जो कि सच में काबिले तारीफ हैं|


किताब से हुई कमाई का एक हिस्सा कैंसर पीड़ितों के लिए होगा दान - जितेंद्र मणि त्रिपाठी ने वहां मौजूद मिडिया कर्मियों को बताया कि इस किताब से जो भी इस पुस्तक से कमाई होगी,उसका एक हिस्सा कैंसर पीड़ितों के इलाज़ के लिए दान में दिया जाएगा। यह काव्य संग्रह "मणि की किरण" सभी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध है इस किताब को आप फ्लिप्कार्ट(Flipkart) व अमेज़न (Amazon) से ऑनलाइन ख़रीद सकतें हैं|