अगर आप किसी पहाड़ी क्षेत्र की यात्रा करने की योजना बना रहें, और आप चाहतें हैं कि वह ऐसी जगह हो जहां आपको ऊचें-ऊँचे पहाड़, जंगल, झील के साथ ही प्राकृतिक सुंदरता का मनोरम दर्शन हो सके| तो हुबहू ऐसी ही जगह हैं भारत के उत्तराखंड राज्य का जिलानैनीताल| नैनीताल उत्तराखंड राज्य के बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है, यह कुमायूं पहाड़ियों से चारों तरफ घिरा हुआ हैं| यह एक अदभुद पर्वतीय पर्यटन स्थल है, जो झील के चारों ओर सुंदर और मनोरम झीलों से घिरा हुआ है| समुद्र तल से 1938 मी की ऊँचाई पर स्थित नैनीताल में साल भर एक खुशनुमा बना रहता है| यहां का तापमान सामान्य दिनों में 27C के आस-पास रहता हैं और सर्दियों के दिनों में -3 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है| और इसे सही मायने में सभी यात्रा प्रेमियों के लिए एक सुरम्य धरती का स्वर्ग कहा जा सकता है। तो चलिए आज हम अपनी इस पोस्ट के माध्यम से आपको यात्रा कराते हैं, नैनीताल की। इस पोस्ट में हम नैनीताल के बारे में आपको वह सब कुछ बताने का प्रयास करेंगे, जो आप जानना चाहते हैं।

नैनीताल की खोज- नैनीताल शहर की स्थापना 1841 में हुई थी| ऐसा माना जाता है कि एंग्लो नेपाली युद्ध के बाद कुमाऊं हिल्स ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया था। उसके बाद एक चीनी व्यापारी पी. बैरन द्वारा प्रथम ब्रिटिश कालोनी का निर्माण करवाया गया था| उसके बाद से अंग्रेज वहां रहने लगे| यहां का मौसम उनके रहने के लिए सबसे उपयुक्त था|


नैनी झील- नैनीताल का नाम "नैनी" झील से पड़ा हैं, नैनी शब्द का अर्थ हैं "आखें" और ताल का अर्थ हैं झील| ऐसा माना जाता हैं कि पहले यहां 60 ताल हुआ करते थे| सात अलग-अलग पर्वत चोटियों से घिरी यह झील कुमाऊँ क्षेत्र की सबसे प्रसिद्ध झील है। यह अपने बेहद ही खूबसूरत नज़ारों के लिए मशहूर है| यह झील नैनीताल घूमने आए लोगों के बीच पिकनिक का बहुत फेमस स्थल है, आप इस झील के किनारे बैठकर ढलते सूरज की विलुप्त होती लालिमा को देख पाएंगे जो देखने में आपको अदभुद लगेगा। शाम के वक्त आप ऐसे सौंदर्य पूर्ण वातावरण को देख सकते हैं, जहाँ आप झील में विचरण करते बत्तखों को भी देख आपका मन मत्रमुग्ध हो जाएगा।


नैना देवी मंदिर- यह मंदिर 51 शक्तिपीठो में से एक शक्ति पीठ हैं| पुराणों के अनुसार यह पता चलता है कि जब माँ सती के शरीर के 51 टुकड़ों में से माँ सती की आखें इस जगह पर गिरी थी| जिसके बाद से यह स्थान नैना देवी के नाम से जाना जाने लगा| इस मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में कराया गया था| जबकि नैना देवी की मूर्ति 1842 में देवी के एक भक्त राम शाह के द्वारा स्थापित की गई थी| दुर्भाग्य वश जब 1882 में बहुत बड़ा भूस्खलन हुआ, तब यह मंदिर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था| उसके बाद वहां के स्थानीय लोगों द्वारा 1883 में फिर से इसे बनाया गया| यह मंदिर पूरे देश में हिंदू पूजा के लिए सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। यह देवी का मंदिर, देवी के साथ ही उनके धर्म और मूल्यों में उनकी दृढ़ आस्था के बारे में उनके विशाल विश्वास को दर्शाता है। नैना देवी मंदिर के अंदर, आपको छत पर दो आंखें देखने को मिलेंगी| आप इस मंदिर का दर्शन कर अपनी मनोकामनाए पूर्ति के लिए माँ से प्रार्थना कर सकतें हैं| यहां जुलाई से अगस्त तक श्रावणी मेले का आयोजन भी किया जाता हैं, अगर आप इसी समय नैनीताल में हैं तो इस मेले का आनंन्द उठा सकतें हैं| यह स्थान नैनीताल बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पर स्थित है। शहर के अन्य जगहों से, आप आसानी से कैब या टैक्सी से नैना देवी मंदिर तक पहुचं सकते हैं। यह मंदिर सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक खुला रहता है| यहाँ पर आने जाने के लिए कोई शुल्क नहीं दें पड़ता है|


नैना पीक- नैना पीक तल्लीताल बस स्टैंड से लगभग 17 KM की दूरी पर है| आप नैनीताल से तल्लीताल तक जाने के लिए टैक्सी लेकर आसानी से पहुंच सकतें हैं| नैना पीक नैनीताल का सबसे आकर्षित करने वाला स्थान हैं| यह पीक 2615 मीटर की उचाई के साथ नैनीताल की सबसे ऊँची चोटी है| यह स्थान साल भर बर्फ से ढका रहता है| इस चोटी के पीक पर से आपको नंदा देवी चोटी और तिब्बत सीमा के ऊँचे-ऊँचे पहाड़ दिखाई देते हैं| आप इस चोटी से बर्फ से ढके पेड़ों को देख सकतें हैं, जो कि बहुत खूबसूरत नजारा देखने में लगता है| यह प्रसिद्ध स्थान नैनीताल में अपने दोस्तों या परिवार के लोगों के साथ जाने के लिए उपयुक्त स्थान हैं| नैनीताल की यात्रा मल्लीताल से नैना पीक की 6 किलोलीटर की ट्रैकिंग के बिना अधूरी है| यहां आने वाले लोग ट्रैकिंग के अलावां पोनी-राइड के सहारे पहाड़ की छोटी पर पहुचं सकतें हैं| नैनीताल एक बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन हैं| यहां आप गर्मियों के दिनों में यात्रा कर सकतें हैं| नैना पीक पर आप सुबह 8 बजे से शाम के 8 बजे तक यात्रा कर सकतें हैं| यहां जाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता हैं|


स्नो व्यू पॉइन्ट- स्नो व्यू पॉइंट मल्लीताल में माल रोड से बहुत ऊंचाई पर स्थित है| आपको इस बिंदु तक जाने के लिए हवाई केबल कार का सहारा लेना पड़ेगा| नैनीताल स्नो व्यू पॉइंट समुद्र तल से 2270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं| इस व्यू पॉइंट से दूध जैसी बर्फ से ढका हिमालय को देखते ही बनता है| इस दृश्य को देख आप कभी भी भूल नहीं पाएंगे| आपको ऐसा लगेगा कि जैसे आपने अपना हाथ ऊपर उठाया और आपके हाथ में बादल कैद हो गए हों| स्नो व्यू पॉइंट पर दूरबीन की एक बड़ी जोड़ी लगाई गई है, जो आपको हिमालय पर्वतमाला और उनकी जादुई चोटियों को बहुत करीब से देखने का सुनहरा अवसर देतीं हैं| यह व्यू आफ़ पॉइंट नंदा देवी, नंदा कोट और त्रिशूल जैसी कई अन्य चोटियों के साथ बर्फ से ढके हिमालय के अद्भुत और मनोरम दृश्य को प्रस्तुत करता है| जिसे देख आप उसी में खो जातें हैं, और आपका वापस आने का मन ही नहीं करता हैं। गर्मियों के दिनों में यहां का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री के बीच बना रहता है| आप यहां आकर प्रकृति की सुंदरता को करीब से देख सकतें हैं| आप यहाँ सुबह 10.30 से शाम के 5.30 बजे तक यात्रा कर सकतें हैं| शनिवार को यह स्थान बंद रहता है| आपको यहाँ जाने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता हैं|


मॉल रोड- मॉल रोड नैनीताल की फेमस जगहों में से एक हैं| यह पहाड़ी शहर मल्लीताल और तल्लीताल के दो छोरों को आपस में जोड़ती हैं| आपको यहां पर पहाड़ के चारों ओर चिनार के पेड़ देखने को मिलेंगे जो 30 मीटर तक लम्बे होते हैं| नैनीताल का मॉल रोड खरीदारी, भोजन और सांस्कृतिक का केंद्र हैं| आपको यहां कई होटल, शोरूम, डिपार्टमेंट स्टोर, दुकानें, रेस्तरां और कैफे मिलेंगे जहां पर आप अच्छा भोजन कर ठहर सकतें हैं| यहां पर आप सस्ते स्ट्रीट फ़ूड का भीआनंद ले सकतें हैं| आपको खाने के लिए चाऊमीन, बर्गर, ऑमलेट के अलावां बहुत कुछ मिलेगा| यहां की ठंडी हवाएं और झील के किनारे रात की सैर आपके दिलो-दिमाग में घर कर जाएगी| यहां के शॉपिंग मॉल आने वाले पर्यटकों के बीच बहुत फेमस है| मॉल रोड से नैनीताल झील का दृश्य बहुत शानदार दिखाई देता हैं| यहीं पर बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों की शूटिंग की गई थी| वहीं आज इस जगह का नाम गोविंद बल्लभ पंत मार्ग हो गया है, जो अग्रेजों द्वारा बनवाया गया था| इस जगह से आप अपने लिए और अपनों के लिए लकड़ी के बने अच्छे गिफ्ट खरीद सकतें हैं| यह जगह सुबह के 9.30.से रात के 10.30 बजे तक खुली रहती है|


टिफिन टॉप- नैनीताल से लगभग 4 किलोमीटर का ट्रैकिंग-वे है टिफिन टॉप (Tiffin Top)| जिसे डोरोथी(Dorothy Sheet)की सीट के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो यह जगह आपके लिए ही हैं| इस जगह से आप पूरे नैनीताल का मनोरम दृश्य देख सकतें हैं| यहां आपको चारों तरफ ओक व देवदार के ऊँचे-ऊँचे पेड़ देखने को मिलेंगे| जिसे देख, आप देखते ही रह जायेंगे| आप यहां पर बैठकर प्रकृति की सुंदरता को और करीब से महसूस कर सकेंगे| ऐसी शांति और सुंदरता आपको देखने के लिए कहीं नहीं मिलेगी| यहां की सुंदरता देख कोई भी इसे भूल नहीं सकता| आप टिफ़िन टॉप तक पहुँचने के लिए हॉर्स राइडिंग भी कर सकते हैं| साथ ही अगर ट्रैकिंग करके जाना चाहते हैं, तो साथ में कुछ खाने के लिए या एनर्जी ड्रिंक्स जरूर रख लें| आप यहाँ साहसिक खेलों का अनुभव भी ले सकते हैं| नैनीताल की अद्भुत प्रकृति को निहारने, आराम करने और पिकनिक मनाने के लिए यह स्थल काफी लोकप्रिय है। ताजी हवा, हरी-भरी वादियाँ और बादलों को छूते पहाड़, इस मनोरम दृश्य को देखे बिना आपकी नैनीताल की यात्रा अधूरी रह जाती हैं।

कब जाएं नैनीताल- नैनीताल एक ऐसा शहर हैं जहां आप वर्ष के 12 महीनों में कभी भी जा सकतें हैं| लेकिन अगर आप नैनीताल के हर चीज का आनंद लेना चाहते हैं, तो आपके लिए मार्च से जून के बीच का समय सबसे अच्छा हैं| यदि आप बर्फीली वादियों का आनंद लेना चाहतें हैं, तो आप दिसम्बर से फरवरी के बीच जा सकतें हैं| इस समय यहां बर्फ़बारी होती हैं और नैनीताल का तापमान शून्य से भी निचे चला जाता है|

कहाँ रुकें- आप नैनीताल में पहले से भी होटल बुक करके आ सकतें हैं या आने के बाद वहां भी आसानी से 800 या 1000 रूपये में एक रात के लिए होटल बुक कर के आसानी से रुक सकतें हैं|

कैसे पहुचें नैनीताल- नैनीताल आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग, और हवाई मार्ग से आसानी से पहुचं सकतें हैं|

सड़क मार्ग- आपको बता दें कि नैनीताल पहुचने का सबसे उपयुक्त मार्ग सड़क मार्ग हैं| दिल्ली से नैनीताल की दूरी लगभग 320 किलोमीटर की हैं| नैनीताल नेशनल हाइवे 87 से के जरिये पूरे देश से जुड़ा हुआ है| आपको दिल्ली से नैनीताल जाने में लगभग 6 से 8 घंटें लगेंगे| दिल्ली से नैनीताल की सीधी बस सेवा 24 घंटे उपलब्ध है| आप नैनीताल जाने के लिए वॉल्वो बस की बुकिंग कर आराम से जा सकतें हैं| या आप अपनी कार से भी जा सकतें हैं|

रेल मार्ग- नैनीताल का कोई अपना रेलवे स्टेशन नहीं हैं| नैनीताल के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो नैनीताल से मात्र 34 किलोमीटर की दूरी पर है| आप दिल्ली से नैनीताल जाने के लिए रानीखेत एक्सप्रेस का टिकट बुक कर जा सकतें हैं| जो दिल्ली से रात को 10 बजे चलती है और सुबह 5 बजे आपको काठगोदाम पंहुचा देती है| आप काठगोदाम से नैनीताल जाने के लिए बस या कैब बुक कर आसानी से जा सकतें हैं|

वायुमार्ग- नैनीताल में कोई भी एयरपोर्ट नही हैं| इसके सबसे नजदीक का एयरपोर्ट पंतनगर एयरपोर्ट है जो नैनीताल से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर हैं| दिल्ली से पंतनगर के लिए सीधी उडान उपलब्ध हैं| अगर आप देश के किसी और कोने से नैनीताल जाना चाहतें है तो आपको पहले दिल्ली आना पड़ेगा और यहां से ही आपको नैनीताल के लिए फ्लाइट मिलेगी|आप पंतनगर पहुचं कर बस या कैब से नैनीताल जा सकतें हैं|