अर्थशास्त्रियों का मानना हैं कि घर की कामकाजी महिलाओं को उनके काम के बदले न ही उचित सम्मान मिलता है, और न ही कोई वेतन, फिर वह पूरे मन से बिना थके हर दिन काम करतीं हैं| ऐसी महिलाओं के अपने कुछ सपने भी होंते| जिन्हें वह पूरा करने का प्रयास और समाज में अपने आप को साबित करने की कोशिश करतीं हैं| देश-दुनिया में ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जिन्होंने घर के काम के साथ बिजनेस और नौकरी कर मिसाल पेश की है| उन्हीं कामकाजी महिलाओं में से एक है, महाराष्ट्र राज्य के ठाणे की रहने वाली ललिता पाटिल| उनका कहना है कि घर से काम करने वाली महिलाओं को लोग गृहणी समझतें हैं| भले ही वह अपने घर से लाखों कमाती हों, फिर भी जब तक वह बाहर निकल कर कोई काम न करे, तब तक उनके काम को पहचान नहीं मिलती| आइए जानतें है, कि कैसे घर से शुरू किए बिजनेस को करोड़ो रूपए तक पंहुचाया और सफ़ल बिजनेस महिला (Successful Business Women) बनी|


2500 रुपये से शुरू की टिफ़िन सेवा- ललिता पाटिल ने महाराष्ट्र के एक कॉलेज से बी.एससी की डिग्री हांसिल ही हैं| वह हमेशा से ही आर्थिक तौर पर स्वतंत्र रहना चाहतीं थी| इसलिए उन्होंने बच्चों को ट्यूशन दे कर अपने करियर की शुरुआत की| लेकिन उनका मन इस काम में ज्यादा दिन नहीं लगा और उन्होंने ट्यूशन पढ़ाना छोड़ दिया| उसके बाद फिर वह एक फार्मेंसी कंपनी के लिए दवाई बेचने का काम करने लगी| लेकिन वह अपने इस काम से भी संतुष्ट नहीं थी| उन्हें लगा कि इसमें मेरा फ्यूचर नहीं हैं| मुझे कुछ ऐसा काम करना चाहिए जिसमे मुझे आत्मसंतुष्टि मिले| कई दिन तक सोचने के बाद उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि उन्हें कोई बिजनेस करना चाहिए| उस बिजनेस को वह अपने हिसाब से घटा बढ़ा सकतीं हैं| उसके बाद साल 2016 में उन्होंने 2500 रूपये की लागत से अपने घर पर ही टिफ़िन सर्विस की शुरुआत की| ललिता ने अपने टिफ़िन सेवा का नाम "घर की स्मृति" रखा| उसके कुछ महीने बाद उन्होंने खाद्य व्यवसाय का लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया| समय बीतने के साथ ही उनका बिजनेस चल पड़ा| और उनकी अच्छी कमाई होने लगी| लेकिन उन्हें बहुत जल्द ही, यह महसूस हुआ, कि लोग उन्हें घर की गृहणी के रूप में देखते हैं, उन्हें एंटरप्रेन्योर नहीं मानते| ऐसा इसलिए की मै घर से बिजनेस करती हूँ| इस बात से उनको बहुत निराशा हुई| फिर ललिता ने तय किया कि मुझे भी अन्य कामकाजी महिलाओं की तरह सम्मान चाहिए, इसके लिए मुझे जो भी करना पड़े वह मै करुँगी|


10 लोगों को दिया रोजगार- ललिता पाटिल का काम धीरे-धीरे बढ़ने लगा और उनके टिफ़िन सेवा "घर की स्मृति" के बारें में बहुत जल्द ही वहां के लोगों को पता चल गया| उनके टिफ़िन का स्वाद घर के जैसा था, इसलिए लोग ज्यादा पंसद करते|देखते ही देखते वह दिन भी आ गया, जब ललिता के पास 10 स्थाई कर्मचारी हो गए| और साथ ही 5 से 6 लाख रूपये महीने की कमाई लगीं| वह कहतीं हैं कि मैंने व्यवसाय करने वालों और छात्रों को टारगेट किया था| जो अपने घर से दूर रहतें है मैं उन्हें अपने टिफ़िन सेवा से घर के जैसा स्वाद देने का प्रयास करतीं हूं| आज उनकी टिफ़िन सेवा का वार्षिक टर्नओवर 1 करोड़ से ज्यादा हो गया है| वहीँ लोग अब उन्हें एंटरप्रेन्योर मानतें है और साथ ही सफल बिजनेस वुमन के तौर पर देखतें हैं|