कुछ नया सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। हम किसी भी ऐज में कुछ भी कर सकते हैं। इन्फेक्ट हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ न कुछ सीखते रहते हैं। लेकिन एक उम्र आती है जब लोग नया सीखना तो दूर इसके बारे में सोचते तक नहीं है। लेकिन एक अम्मा है जो आपको जिंदगी की एक नई सीख देंगी। उम्र चाहे जो भी हो खुद को व्यस्त रखना बहुत जरूरी है।

जानकी विश्वम चेन्नई की रहने वाली हैं और वो एक क्राफ्टर हैं। वो 92 साल की है लेकिन उनकी खुशी और उत्साह को देखकर उनकी उम्र महज नंबरों के अलावा कुछ नहीं लगेगा।

जानकी अम्मा बेकार प्लास्टिक और कचरे से दैनिक उपयोग के लिए सुंदर क्राफ्ट बनाती हैं। टेबल मैट, लगेज टैग, टोस्टर कवर, कैरी बैग और यहां तक ​​कि पैसे ले जाने और लेटर रखने के लिए छोटे पाउच भी। लेकिन वो ये सब पैसे कमाने के लिए नहीं बल्कि खुद को बिजी रखने के लिए करती हैं।



2019 में जब तमिलनाडु ने राज्य में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया तो जानकी अम्मा ने घर पर मौजूदा प्लास्टिक कवर को रीसायकल करने के तरीकों के बारे में सोचना शुरू कर दिया।

उनका कहना है कि "यही वह समय था जब मैंने इन प्लास्टिक के साथ प्रयोग करना शुरू किया। मैंने YouTube पर वीडियो देखकर सीखना शुरू किया।" उन्हें फोन चलाना नहीं आता है लेकिन उनकी बहु यूट्यूब पर उन्हें वीडियो ढूंढने में मदद करती हैं।

जानकी जी प्लास्टिक से बने क्राफ्ट को लोगों के गिफ्ट करने का इंतजार करती हैं। उनके घर में जब भी कोई मेहमान आते हैं तो वो उन्हें खुद से इन क्राफ्ट को चुनने का अधिकार देती हैं।

जानकी अम्मा उम्र के इस पड़ाव में हैं जहाँ खुद काम न करने की वजह से कुछ बुजुर्ग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं क्योंकि उनके पास बात करने के लिए कोई नहीं होता है। यहीं कारण है जिसकी वजह से जानकी जी ने खुद को व्यस्त रखने के लिए और खुश रहने के लिए ये काम करना शुरू किया।