भारत में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा को बड़ी परीक्षा की श्रेणी में रखा गया है| इसे पास करना बहुत कठिन होता है, ऐसे में मुस्कान जिंदल ने अपने पहले प्रयास में न सिर्फ इस परीक्षा को पास किया, बल्कि टॉप 100 में जगह बनाई है | मुस्कान जिंदल ने 22 साल की उम्र में 2019 की सिविल सेवा परीक्षा में 87वीं रैंक लाकर अपने सपने को पूरा किया है | मुस्कान का मानना है कि, किसी भी सपने को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प और निरंतरता बहुत जरुरी है | इन्हीं दो बातों को ध्यान में रखकर बड़े से बड़े मंजिल को हासिल किया जा सकता है |मुस्कान का बचपन से ही, सपना था कि उन्हें आईएएस अफसर बनना है |

मुस्कान हिमांचल प्रदेश में सोलन जिले की एक गावं की रहने वाली है | मुस्कान की शुरुआती पढाई-लिखाई सोलन के बद्दी से हुई | मुस्कान ने अपनी कड़ी मेहनत से 12वीं की परीक्षा में 96.4 प्रतिशत अंक हासिल कर के, अपने स्कूल में टॉप किया था | उसके बाद आगे की पढाई के लिए चंडीगढ़ के एसडी कॉलेज में एडमिशन ली| यंहा से उन्होंने बी.कॉम ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की और ग्रेजुएशन के लास्ट ईयर से ही 4 से 5 घंटे यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी में लगाने लगीं | ग्रेजुएशन के बाद मुस्कान को यूपीएससी परीक्षा देने के लिए,उनकी उम्र कम थी और तैयारी को भी पूरा करना था | इसके लिए उन्होंने एक साल का ब्रेक लिया | अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात पढाई में जुट गईं | मुस्कान का हमेशा से ही न्यूज पेपर पढने में दिलचस्पी रही, और जब वे सिविल सेवा की तैयारी करने लगीं, तब न्यूज पेपर पर ज्यादा ध्यान देनें लगीं |


मुस्कान के माता-पिता के बारें में - मुस्कान के पिता पवन जिंदल एक व्यवसायी हैं | उनकी सोलन के बद्दी में ही हार्डवेयर की दुकान है | इनकी माता हॉउस वाइफ है | इनके पिता बताते हैं, कि मुस्कान बचपन से ही पढ़ने में होशियार थी, और उसका सपना था कि बड़े होकर आईएएस अफसर बनना है |

तैयारी के बारें में – मुस्कान अपने रिसोर्स के बारे में बतातीं है, कि उन्होंने एनसीईआरटी की किताबें पढ़ना सबसे उचित लगा, इसके लिए उन्होंने NCERT की किताबों को कई बार पढ़ा | जब इन किताबों को ख़त्म कर लिया, उसके बाद स्टैंडर्ड बुक्स को पढ़ा | इन सब के बाद अपनी तैयारी को परखने के लिए टेस्ट पेपर सॉल्व करती थी, और उनको इस सॉल्व पेपर से अंदाजा हो जाता था की अभी किस टॉपिक को और पढ़ने की जरुरत है | अपने आंसर्स को परखती साथ ही होने वाली गलतियों को दूर करतीं थी | जब बात आंसर राइटिंग की आती है तब मुस्कान बताती हैं, कि सबसे पहले वे अपने आंसर को रफ करती और बाद में उन्हें फेयर करती | उनका कहना है, कि ऐसा करने से सही उत्तर लिखने का तरीका मिल जाता है | ऐसा करके मुस्कान ने बहुत जल्द ही सब कुछ सीख लिया | मुस्कान रिविजन को सफलता का मूल मंत्र मानती हैं, वे कहती है आप जितनी बार रिविजन करेंगे उतनी ही आपकी पकड़ बनेगी बनेगी | बात जब निबंध लेखन की आती है, तो वे इसके लिए प्रैक्टिस को महत्व देती हैं, वे कहतीं है आप जितना प्रैक्टिस करेंगे उतना अच्छा ही निबंध लिख पायेंगें | मुस्कान इन्टरव्यू के लिए कहतीं है कि, आप झूठ ना बोलें और संतुलित रहें | इन सब छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर, कोई भी पहली बार में सफल हो सकता है |

तैयारी के बीच लिया ब्रेक - मुस्कान बतातीं है की इस परीक्षा के लिए तालमेल बहुत जरूरी है | हर रोज खुद को मोटिवेट करना होता है, ताकि मन में ऐसा ख्याल ना आये की आज पढ़ने का मन नही है | मान लीजिये की पढ़ने का थोड़ा सा भी मन नहीं है तब आप अपने साथ जबरदस्ती न करें और अपनी हॉबीज के लिए समय निकालें | ये ब्रेक आपको अगले दिन पढ़ने के लिए और उत्साहित करेगा और आपका पढ़ने में ज्यादा मन लगेगा | सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर मुस्कान का अलग विचार है, वे कहती हैं की मैंने पूरी तैयारी के दौरान फोन अपने पास रखा | वह कहती हैं कि किसी को भी इतना सेल्फ कंट्रोल होना चाहिए, कि जब तक जरुरत न हो फोन को हाथ न लगायें | मुस्कान कहतीं है कि ऑनलाइन रिर्सोस का इस्तेमाल करने के लिए फोन की जरुरत पड़ती है |

मुस्कान अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता, शिक्षकों, और अपने दादा को देतीं है |

मुख्यमंत्री ने दी बधाई- मुस्कान की इस सफलता पर मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्विट करके बधाई दी | सीएम ने लिखा कि इतनी कम उम्र में इस बड़ी परीक्षा को पास करके ये साबित कर दिया कि हिमांचल की बेटियां किसी से कम नहीं हैं |अपने प्रदेश के लिए ये गर्व की बात है |