भारतीय सेना की पहली एरियल वैकिल आब्जर्वर पायलट मेजर प्राजक्ता देसाई

भारतीय सेना में अनमैंड एरियल वैकिल आब्जर्वर पायलट बनने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।

Update: 2022-05-03 08:45 GMT


मेजर प्राजक्ता देसाई, भारतीय सेना में अनमैंड एरियल वैकिल आब्जर्वर पायलट बनने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। आइए जानते हैं प्राजक्ता के बारे में-

मेजर देसाई का कहना है कि "मुझे सभी पागल कहते थे। मेरा सपना था कि मैं 18 साल की होते ही मिस वर्ल्ड बन जाऊं। इन सालों में मेरी किसी तरह ग्लैमर की दुनिया में दिलचस्पी खत्म हो गई। लेकिन मुझे पता था कि मुझे अपने लिए एक नाम बनाना है। मैं 8 साल की थी जब मैंने बॉर्डर देखा और युद्ध के दृश्य ने मुझे प्रेरित किया। मैंने मन ही मन सोचा, 'मैं सेना में शामिल होने जा रही हूं।"

हमारे रिश्तेदारों की तरह ही प्राजक्ता के रिश्तेदारों भी उनके सपनों में कमी निकाली और लड़की होने के नाते उन्हें क्या करना चाहिए ये समझा दिया। उनके रिश्तेदार अक्सर कहते थे, 'लड़कियों को बड़े सपने नहीं देखने चाहिए।' लेकिन प्राजक्ता के माता-पिता ने उन्हें अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रेरित किया।

प्राजक्ता ने आगे कहा कि "कॉलेज में अपने अंतिम साल में, मैंने संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। मैं चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी के कटऑफ में 21वें स्थान पर थी, जिसमें केवल 10 सीटें थी। मैं दुखी थीं, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। शॉर्टलिस्ट नहीं किए जाने के बावजूद, मैं अकादमी को यह जानने के लिए फोन किया कि क्या उनकी रैंक बढ़ाने की कोई योजना है। फॉर्चूनेटली उन्होंने सीट बढाई और 2010 में मैं अकादमी में शामिल हो गई।"

यह एक साल की ट्रेनिंग थी। मैंने अपने लक्ष्य पर फोकस रहने के लिए परिवार से कम से कम संपर्क रखा। मुझे याद है कि अकादमी में पहले दिन अपने पिता को फोन किया और कहा, "मुझे तब तक मत बुलाओ जब तक कोई मर न जाए। ट्रेनिंग कठिन थी लेकिन मुझे पता था कि मैं हार नहीं मान सकती। मैं अपने आप से कहा, '15 सेकंड का डर या जीवन के 15 साल' और उसने मुझे आगे बढ़ाया। 2011 में, मैं आर्मी एयर डिफेंस लेफ्टिनेंट के रूप में पास आउट हुई और आर्मी मेरे जीने का तरीका बन गई।"



2011 में, मेजर देसाई जोधपुर में तैनात थी और तब से कोई भी दो दिन एक जैसे नहीं रहे। चेन्नई से श्रीनगर तक उन्होंने देश के कोने-कोने में सेवा की है। साथ ही वो पर्वतारोही, स्काईडाइवर और हॉट एयर बैलून पायलट भी रही हैं। उन्हें माइक्रोलाइट और सेल प्लेन उड़ाने का भी अनुभव है 2014 में, उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड से शादी की जो एक सेना अधिकारी भी है। 2019 में वो भारतीय सेना की अनमैंड एरियल वैकिल आब्जर्वर पायलट बनने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।

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