टीचर ने प्लास्टिक बोतल से पौधों में जान डालने का खोजा! नायाब तरीका

बेकार प्लास्टिक बोतल से पौधों में बूंद-बूंद डाल रहें हैं पानी

Update: 2022-07-08 06:45 GMT

जैसे हमें जीने के लिए भोजन, हवा, पानी की जरुरत होती हैं| वैसे ही पौधों को बड़ा होने के लिए पानी संजीवनी का काम करता हैं| ऐसे में झारखंड राज्य के चाईबासा इलाके में एक पर्यावरण प्रेमी टीचर ने पौधों को बचाने और उन्हें जल्दी से बड़ा होने का नायाब तरीका खोजा है| उन्होंने पौधों को पानी देने के लिए टपक विधि का प्रयोग करना शुरू किया है जिससे पौधे बहुत तेजी से बढ़ रहें हैं|

बेकार प्लास्टिक बोतल का कर रहें हैं प्रयोग- झारखंड राज्य के रहने वाले टीचर तरुण गोगोई को पौधों से बहुत प्यार हैं| वह सूख रहे पौधों को बचाने के लिए कुछ करना चाहतें थे| इसके बारें में वह हमेशा सोचतें रहते थे तभी उनके दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों न हम बेकार प्लास्टिक बोतल का प्रयोग पौधों को पानी देने के लिए करें|


उसके बाद उन्होंने प्लास्टिक के बेकार बोतलों को इक्कट्ठा करना शुरू किया| फिर उन्होंने उस बोलत के निचले हिस्से को काटकर एक लकड़ी के सहारे बोतल को उल्टा पेड़ के पास लटका दिया| और उसमे पानी भरकर छोटे-छोटे एक दो छेद कर दिए जिससे लगातार पेड़ों को एक-एक बूंद पानी मिलता रहे| इस तरह से पेड़ो को पानी मिल रहा हैं और पौधे जीवित हैं|

पानी की होती है बचत- तरुण गोगोई ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि पौधों में हम पानी डालते थे, लेकिन जमीन बहुत जल्द ही पानी को सोख लेती थी| मैं बहुत दिनों तक इस बारें में सोचता रहा कि किस तरह से पानी की बचत की जाए और लगातार पौधों को पानी मिलता रहें| तभी मेरे दिमाग में यह आइडिया आया कि अगर पौधों को बूंद-बूंद पानी मिले तो पानी की बचत हो सकती है और पौधें भी जल्द ही विकास करेंगे| गोगोई ने प्रयोग के तौर पर सहजन के 2 हजार पौधों को लगाया और टपक विधि से लकड़ी के सहारे बोतल को बांध दिया| कुछ दिनों में उन्होंने ने पाया कि पौधें बहुत तेजी से बढ़ रहें है| इस तरह से पानी की भी बचत हो रही हैं और पौधे सूख भी नहीं रहें हैं| तरुण गगोई अपने गाँव की एक प्राईवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का काम करतें हैं| साथ ही पौधों को भी बचाने का काम कर रहें हैं|

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