रामप्रसाद, एक भिखारी जो लोगों से डिजिटल मांगता है भीख

राजू प्रसाद "अगर आपके पास सिक्का नहीं है तो चिंता न करें। आप मुझे ई-वॉलेट से भुगतान कर सकते हैं।"

Update: 2022-02-28 10:00 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'डिजिटल इंडिया' अभियान को सक्सेसफुल होते हुए हम सभी ने देखा है। आज हर रेस्तरां, शॉपिंग मॉल, यहाँ तक की एक-एक दुकान में आप डिजिटली पे कर सकते हैं। लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि बिहार के पटना का एक भिखारी डिजिटली भीख माँगता है।

पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया शहर के निवासी राजू प्रसाद लोगों से छुट्टे पैसे नहीं होने पर उन्हें डिजिटल रूप से भुगतान करने के लिए कहते हैं। राजू प्रसाद की उम्र 40 साल है और वो 10 साल की उम्र से बेतिया रेलवे स्टेशन के आसपास भीख माँगते हैं।


राजू प्रसाद को लोगों से ये कहते सुना गया है कि "अगर आपके पास सिक्का नहीं है तो चिंता न करें। आप मुझे ई-वॉलेट से भुगतान कर सकते हैं। अब मैं डिजिटल भुगतान की सुविधा का लाभ उठाता हूं।"

खबर के अनुसार बीते शुक्रवार को उनके ई-वॉलेट में 57 रुपये भीख मांगने के अलावा 40 रुपये सिक्के भी मिले थे। राजू ने पीएम नरेंद्र मोदी के 'डिजिटल इंडिया' अभियान का समर्थन करते हुए डिजिटल भुगतान की सुविधा का लाभ उठाने के लिए हाल ही में एक बैंक खाता खोला।

राजू प्रसाद के अनुसार "मेरे पास मेरा आधार कार्ड था लेकिन पैन कार्ड नहीं था, जिससे बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया में देरी हुई। अब मैं भिखारी होने के बावजूद डिजिटल भुगतान की सुविधा का लाभ उठा रहा हूं।"

बेतिया कस्बे के निवासी अवधेश तिवारी ने बताया कि "राजू प्रसाद के पिता प्रभुनाथ प्रसाद अपने परिवार के साथ बेतिया में रहते थे। वो अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे। उनकी मौत के बाद उनका बेटा राजू प्रसाद रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने लगा। वह पिछले तीन दशकों से ऐसा कर रहा है। थोड़ा आलसी होने के कारण, उन्होंने भीख मांगने को अपनी आजीविका के स्रोत बना लिया।"

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