जानिए! पंचायत के (सचिव जी ) जितेन्द्र कुमार के इंजीनियर से एक्टर बनने तक का सफ़र
पंचायत-2 के किरदार 'सचिव जी' के जीवन क सफर
जब से पंचायत-2 वेब सीरिज अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई है, तब से डिजिटल प्लेटफोर्म इस सीरिज ने पर धूम मचा रखी है| आजकल हर कोई इस सीरिज के कलाकारों के बारे में चर्चा कर रहा है | इसी क्रम में (सचिव जी) का किरदार निभाने वाले जितेन्द्र कुमार लोगों के बीच खूब सुर्खियाँ बटोर रहें है | इस सीरिज में जितेन्द्र अपनी अदाकारी के दम पर लोंगों का दिल जीत लिया है |आपको पंचायत-2 वेब सीरिज में ग्रामीण परिवेश की झलक देखने को मिलेगी |यह सीरिज आपको कॉमेडी और ड्रामा के साथ, शहर की ओर भाग रही भीड़ के बीच गांव की याद दिलाती है | फुलेरा गांव का सचिव अभिषेक त्रिपाठी(जितेन्द्र) सिर्फ एक किरदार ही नहीं है बल्कि देश के उन युवाओं की प्रेरणा है, जो कॉरपॉरेट कल्चर में, लाखों-करोड़ों के पैकेज की चाहत में शहर की ओर भागना चाहते हैं, और शहर में बसने वाले कई युवा शांति की तलाश करने के लिए गांव आते हैं। जो पक्के शहरी होतें है, उनको गावं बहुत पंसद आता है |
जितेन्द्र के बारें में – जितेन्द्र राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले है | आईआईटी (IIT) खड्गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद जितेन्द्र ने मनोरंजन की दुनिया में कदम रखा | वे कहते है, कि जब मेरे घर वालों को ये मालूम हुआ, कि मैं इंजीनियर की जगह कलाकार बनने के लिए मुंबई गया हूँ तब मेरे घर के लोग बहुत नाराज हुए | जितेन्द्र बताते है कि मैंने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद IIT के लिए दो साल कोचिंग की, उसके बाद मुझको IIT खड्गपुर में पढाई का मौका मिला, वहां पर 4 साल की पढाई के बाद इंजीनियरिंग पूरी की | पढ़ाई दौरान मेरी मुलाकात मेरे सीनियर रहे बिस्वपति सरकार सर से हुई, जो अपनी पढ़ाई के बाद इंजीनियर नहीं बल्कि राइटर बनने के लिए मुंबई चले गए थे | बिस्वपति सर ने मुझसे भी कहा था, कि तुम भी आ जाना एक्टिंग करने और सच में, मै भी चला गया सपनों की दुनिया में |
जितेन्द्र ने अपने दिए एक इन्टरव्यू में बताया, कि जब मै पहली बार मुंबई गया, तो मुझे स्टेशन से बाहर निकलने में ही आधा घंटा लग गया | मै प्लेटफोर्म पर भ्रमित हो गया, दरअसल गलती मुझसे ये हुई, कि मुझे उतरना था बोरीवली, ट्रेन वंहा रुकी भी... लेकिन मै उतर नहीं पाया, उसके बाद अगला स्टेशन बांद्रा था, मै बांद्रा स्टेशन पर उतरा और वंहा से बोरीवली गया | मेरा एक दोस्त बोरीवली में IIT की कोचिंग चलाता था, मै वहां जाकर अपने दोस्त के साथ रहने लगा | वंहा जाने के बाद एक नौकरी ज्वाइन कर ली और साथ ही एक्टिंग भी करने लगा |
8 साल लग गए पहली फिल्म आने में – जितेन्द्र कहते है कि मै मुंबई में तीन महीने के लिए जायजा लेने आया था, लेकिन यहीं का होकर रह गया | लेकिन यंहा आकर मालूम पड़ा कि मुंबई में एक्टिंग से पैसा कमाना आसान नहीं है, अपनी पहचान बनाने में वक्त लगेगा और बहुत धीरज रखना पड़ेगा | ये तो बहुत अच्छा हुआ कि उस समय यूट्यूब प्रचलन में आ गया था । और हम अपना टैलेंट यूट्यूब पर दिखाने लगे, देखते–देखते बहुत सारे निर्माता हमारे साथ आ गए, और कहने लगे कि हमें भी ऐसा ही कुछ डिजिटल प्लेटफोर्म पर करना है। आया तो था मैं, फिल्मों में एक्टिंग करने के लिए, लेकिन मेरी पहली वेब फिल्म 'गॉन केश' रिलीज होने में 8 साल लग गए | 10 साल पहले मुंबई आए जितेंद्र कुमार को देश का पहला डिजिटल स्टार भी कहा जाता है |पंचायत में निभाए अपने किरदार (सचिव जी ) 'अभिषेक त्रिपाठी' से जितेन्द्र को पहचान मिली है |