रुसी हमलों के बीच यूक्रेन में भारतीय डा. ने अपने पालतू जगुआर और ब्लैक पैंथर के लिए बनवाया 80 लाख का बम शेल्टर
भारतीय मूल के डा. गिरी कुमार ने अपने पालतू जगुआर और ब्लैक पैंथर के बिना भारत लौटने से किया इंकार
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चलते हुए युद्ध को, दो महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है | रुसी हमलों के बीच लाखों यूक्रेनी निवासियों को दूसरे देश में शरण लेनी पड़ी है | अब तक हुए इस युद्ध में हजारों की संख्या में लोग मारे जा चुके है, और न जाने कितनों के सिर पर मौत खड़ी है, कब क्या हो जाए, किसी को कुछ पता नहीं है | और मौजूदा हालात देखकर यह भी अंदाजा लगाना मुश्किल है कि इस युद्ध का अंत कब होगा | ऐसे में भारतीय मूल के एक डॉक्टर गिरि कुमार पाटिल आज कल चर्चा का विषय बने हुए है, इसका कारण उनके पालतू जगुआर और ब्लैक पैंथर हैं, जिनको वे रुसी हमलों के बीच मरने के लिए अकेले छोड़कर नहीं आना चाहते थे | हाल ही में डा. गिरी अपने पालतू जानवरों के लिए 80 लाख का बम शेल्टर बनवाकर भारत लौटे हैं | बिना अपने पेट्स के नहीं छोडूंगा शहर - भारत सरकार ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस ले आई है | आंध्र प्रदेश के रहने वाले डॉक्टर गिरि कुमार पाटिल ने कहा कि, मै भारत वापस नहीं लौटना चाहता हूँ | जब इसकी वजह उनसे पूछी गयी, तब उन्होंने बताया कि मेरे दो पेट्स जगुआर और ब्लैक पैंथर इसकी वजह है | मै इनके बिना स्वदेश नहीं लौटूंगा | बीबीसी के वीडियो के अनुसार, लगभग 20 महीने पहले कीव के एक चिड़ियाघर से पाटिल ने इन दोनों पशुओं को गोद लिया था |
पेट्स के लिए बनवा दिया 80 लाख का बम शेल्टर होम - पाटिल ने मिडिया को दिए एक इन्टरव्यू में बताया कि भले ही युक्रेन में गोलाबारी हो रही है, और मौत सर पर मंडरा रही है, फिर भी मै रोज उनके खाने की व्यवस्था करता हूँ | जब चिड़ियाघरों ने इनको रखने से मना कर दिया, तब मैने इनके लिए अपनी पूरी संपत्ति खर्च कर के 80 लाख की लागत से एक बम शेल्टर बनवाया है | जंहा वे सुरक्षित रह रहें है | स्वदेश लौटने का किया फैसला - गिरि कुमार पाटिल ने 2007 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए थे, जब डा. गिरी की पढ़ाई पूरी हो गई, तब उन्होंने 2014 से वे वंहा प्रैक्टिस करने लगे | गिरी ने मिडिया को बताया कि मेरे माता-पिता बहुत परेशान रहते थे, और हर रोज फोन करते थे और कहते थे, कि बेटा वापस लौट आओ | लेकिन डा. गिरी इन बेज़ुबानों को छोड़कर आने के लिए तैयार नहीं थे | बाद में यूक्रेन के स्थानीय पुलिस के जवानों ने इन्हें अपराधी समझ कर धमकी देने लगे, तब डा. गिरी को मज़बूरी में भारत लौटना पड़ा |
स्वदेश लौटने के बाद डा.गिरी ने कहा कि हम अपने दोनों बच्चों को किसी भी हाल में वापस भारत वापस लायेंगे, मुझे इसके लिए जो भी करना पड़े,मै करूँगा |