जानिए! भारत के उस सैनिक के बारें में, जिन्होंने अकेले ही डिफ्यूज किए 256 से ज्यादा बम

खुद के द्वारा की हुई भविष्यवाणी हुई सच! बम डिफ्यूज करने के दौरान हुए शहीद

Update: 2022-06-20 14:34 GMT

भारतीय सैनिकों की  अपने देश के प्रति ग़जब देशभक्ति होती है| समय-समय पर हमें ऐसे उदाहरण देखने और सुनने को मिलते रहतें है, कि कैसे एक भारतीय सैनिक ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आतकंवादियों को मार गिराया और अपने देश की रक्षा की| ऐसे ही एक वीर सैनिक की कहानी, आज हम आपको बताने जा रहे है, जिसने अकेले ही नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए 250 से ज्यादा बमों को डिफ्यूज कर देश के हजारों लोगों की जान बचाई हैं|

कौन हैं? वह जवान- राजस्थान के पाली जिले के रहने वाले नरेंद्र सिंह चौधरी इंडियन आर्मी के (Expert Bomb Diffuser) हैं| नरेन्द्र ने बम डिफ्यूज करने की कोई अलग से पढ़ाई या ट्रेनिंग नहीं की थी| उन्हें रिस्क लेने में मजा आता था, इसलिए उन्होंने बम डिफ्यूज करने वाली इकाई को चुना था| नरेन्द्र ने इंडियन आर्मी में ही बम डिफ्यूज करने की ट्रेनिंग ली, और अपनी कड़ी मेहनत व लगन से बम डिफ्यूज करते-करते एक्सपर्ट बन गए|


नक्सली प्रभावित इलाकों में होती थी तैनाती- नरेन्द्र चौधरी ने अपने करियर में 256 से ज्यादा बमों को निडरता से डिफ्यूज किया है| अक्सर उनकी तैनाती नक्सल प्रभावित इलाकों में होती थी| जहां नक्सली लैंड माइंस बिछा कर सेना पर हमला किया करतें थे| उनके साथियों का कहना है कि इन्ही कारणों से वह हमेशा नक्सलियों के निशाने पर रहते थे| नरेंद्र बिना कुछ खाए-पिए 50 किलोमीटर तक दौड़ लेते थे| वह बहुत ही साहसी और निडर सैनिक थे, जो बम डिफ्यूज करते वक्त अपने टीम को दूर रखते थे| वह भारत के उन इलाकों में आसानी से रह सकते थे, जहां आम इंसान का रह पाना बहुत ही मुश्किल होता है|

अपनी मौत की कर चुके थे भविष्यवाणी- नरेन्द्र चौधरी हमेशा से ही यह बात अपने साथियों से कहते थे कि एक दिन ऐसे ही बम डिफ्यूज करते वक्त मै इस दुनिया को छोड़ दूंगा और यह कहते हुए वह बहुत तेज से हसने लगते थे| उनकी यह भविष्यवाणी एक दिन सच साबित हुई, जब वह एक मॉक ड्रिल के दौरान बम डिफ्यूज कर रहे थे, तभी अचानक से बम फट गया और 12 मई 2016 को उनकी मौके पर ही मौत हो गई| उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई थी|

भारत के इस वीर सैनिक को हमारा शत-शत नमन

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