14 साल बाद अचानक बिहार के स्टेशन पर दिखा ट्रेन का इंजन

अब एक बार फिर से बिहार में कई जगहों पर जहां लोगों ने रेलवे स्टेशन पर ट्रेन लगा हुआ नहीं देखा था अब एक बार फिर से दिखा।

Update: 2022-04-26 10:45 GMT

बाढ़ आने की वजह से बिहार में सबसे अधिक परेशानी रेलवे को ही होती है। पटरियां टूट जाने की वजह से यातायत में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब एक बार फिर से बिहार में कई जगहों पर जहां लोगों ने रेलवे स्टेशन पर ट्रेन लगी नहीं देखी थी, अब एक बार फिर से देखने के लिए उत्साहित हैं।

बता दें कि कुसाहा हादसे के बाद फोर्ब्सगंज-नरपतगंज-सहरसा रेल खंड में फोर्ब्सगंज से प्रतापगंज तक ट्रेनों का परिचालन अभी भी बंद है। इस वजह से लोगों को विशवास ही नहीं हो रहा है कि ट्रेन एक बार फिर से दिखाई देगी। लेकिन इंजन की सीटी की आवाज सुनकर लोग स्टेशन की ओर दौड़े। आसपास के इलाके से बड़ी संख्या में लोग रेलवे स्टेशन पहुंचे तो देखा कि स्टेशन पर इंजन लगा कर ट्रेन का पायलेट इंजन से उतर गया।

लोगों ने रेल इंजन के लोको पायलट को माला पहनाकर स्वागत किया। और इंजन पर सेल्फी लेने और देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार पहले चरण में अप्रैल 2022 से ललितग्राम से नरपतगंज तक रेल परिचालन तक और दिसंबर 2022 तक फोर्ब्सगंज तक शुरू हो सकता है। स्टेशन पर पहुंचकर बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं और पुरुष इंजन को निहारते रहे और इतनी ही संख्या में युवक इंजन पर चढ़कर सेल्फी लेने लगे।

18 अगस्त 2008 को नेपाल में कोसी पर पूर्वोत्तर तटबंध कुशा गांव के पास टूट गया, जिसके बाद भारी तबाही हुई। जान-माल के साथ-साथ यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह ठप हो गई। कुशाहा त्रासदी का फोर्ब्सगंज-सहरसा रेलवे लाइन पर भी भारी प्रभाव पड़ा। कोसी की बाढ़ ने फोर्ब्सगंज से नरपतगंज होते हुए प्रतापगंज आदि कई जगहों पर रेल लाइन को तहस-नहस कर दिया था, जिसके बाद ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह ठप हो गया।

हालांकि, पिछले एक साल पहले राघोपुर से सहरसा और पिछले 8 महीने पहले 27 अगस्त को राघोपुर से ललितग्राम सेक्शन पर इंजन के परीक्षण के बाद ट्रेन संचालन शुरू किया गया था। जिसके बाद ललित गांव से फोर्ब्सगंज तक रेल खंड पर रेल संचालन को लेकर युद्धस्तर पर काम चल रहा है।

आपको बता दें कि 2008 में कुशा त्रासदी के बाद 20 जनवरी 2014 को फोर्ब्सगंज से राघोपुर रेलवे स्टेशन के बीच रेल परिचालन बंद होने के बाद एक बार फिर से शुरू होने की संभावना दिख रही है। प्रथम चरण के तहत फोर्ब्सगंज से ललितग्राम तक और फोर्ब्सगंज से राघोपुर रेलवे स्टेशन तक करीब 48 किलोमीटर का काम लिया गया। रेलवे का काम शुरू होने की वजह से कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

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