सिनेमा और टीवी में काम कर चुके अभिनेता अन्नू कपूर जिन्होंने अपनी अदाकारी से कई शो किए और लोगों का जबरदस्त मनोरंजन किया। 90 के दशक में उन्होंने लोगों को घर-घर जाकर अंताक्षरी का खेल खेलना सिखाया। उन्होंने 'शौकीन', 'धर्म संकट में', 'ड्रीम गर्ल', 'जॉली एलएलबी शौकीन' और 'विक्की डोनर' जैसी फिल्मों में काम किया। 20 फरवरी 1956 को भोपाल में जन्में अन्नू कपूर 66 साल के हो चुके हैं।
अन्नू कपूर ने अपनी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। वो एक आईएएस ऑफिसर बनना चाहते थे लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मुंबई आने के बाद उन्होंने अपने 38 साल के करियर का जिक्र करते हुए अपने संघर्ष की कहानी सुनाई थी।
अन्नू कपूर ने करीब दो साल पहले अपने करियर के 38 साल का जिक्र करते हुए अपनी कई तस्वीरों के साथ अपने संघर्ष की कहानी सुनाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "भारतीय सिनेमा में अपने 38 साल के संघर्ष का जश्न मना रहा हूं। 29 जून 1982 को सपनों की इस नगरी में 419 रुपये और 25 पैसे लेकर पहुंचा था।
अन्नू कपूर का बचपन में बड़ा अफसर बनने का सपना था, लेकिन होता वही है जिसे किस्मत मानती है। आर्थिक तंगी के कारण उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हो सकी और जिसके कारण उनका IAS बनने का सपना चकनाचूर हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, "अन्नू कपूर के पिता एक थिएटर चलाते थे। वहीं उनकी मां एक शिक्षिका थीं। माँ महीने में सिर्फ 40 रुपये कमाती थी। घर मां की कमाई से चलता था, क्योंकि थिएटर से परिवार चलाने के लिए पर्याप्त कमाई नहीं होती थी। इसलिए उन्होंने चाय से लेकर चूर्ण तक बेचा था।"
घर के बिगड़ते हालातों को देखकर उन्होंने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला ले लिया। एक नाटक के दौरान उन्होंने एक 70 साल व्यक्ति का किरदार निभाया, जिसने उसकी किस्मत ही बदल दी।
इस नाटक ने उनकी किस्मत बदल दी। यहां फिल्ममेकर श्याम बेनेगल की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने अनु को 'मंडी' के लिए साइन कर लिया। 'मंडी' में उनका रोल बड़ा तो नहीं था, लेकिन उनके काम की तारीफ हुई थी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिसमें उन्होंने साइड रोल किए था।